जामताड़ा बराकर नदी नाव हादसा : पुल न बन पाना वर्तमान सरकार से कहीं ज़्यादा पूर्ववर्ती सरकारों की विफलता है: चमेली देवी

327

बराकर नदी नाव हादसा:

जामताड़ा।
जामताड़ा विरगाँव में बराकर नदी में हुई हृदयविदारक नाव दुर्घटना में अब तक मात्र एक शव की खोज हो पायी है। शेष लापता लोगों की खोज में जामताड़ा और धनबाद निरसा के पदाधिकारी लगे हुए है। इसी कड़ी में जामताड़ा के मेझियाँ, पंजानिया और मोमिन टोला में इस घटना में लापता हुए लोगों से मिलने विष्णु भैया मेमोरीयल फ़ाउंडेशन की मुख्य संरक्षक सह समाजसेवी चमेली देवी पहुँची। उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनके परिवार की व्यथा सुनी और हर मुमकिन सरकारी सहायता का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि घटना की शाम प्रशासन के साथ चमेली देवी भी विरगाँव पहुँच कर प्रशासन और राँची में मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्पर्क कर बचाव दल भेजने की गुहार लगाई थी। वही रविवार को मेझियाँ पहुँचने पर चमेली देवी ने कहा कि इन पीड़ितों का दुःख वो मिटा तो नही सकती पर बाँट ज़रूर सकती हूँ। मेरे दुख में ये सब मेरे सहारा बने थे तो आज इन्हें अकेला कैसे छोड़ दूँ। अपनों को खोने का ग़म मुझसे बेहतर कोई क्या समझेगा।

उन्होंने मोमिन टोला के एक 16 साल के हासिमुद्दीन को ढाँढस दिया। इस घटना में इस बालक का पूरा परिवार ही ख़त्म हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल विनोद मोहली और रसिक बाटकी के परिवार का है जो अभी भी आस भरी नज़रों से नदी की ओर देख रहे है। कहा की लापता लोगों की खोज में और प्रयास करना चाहिए। एनडीआरएफ़ के गौताखोरों की अतिरिक्त टीम बुलानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की मृतकों के परिजन को दस लाख रुपए मुआवज़ा मिलना चाहिए और आश्रितों को सरकारी नौकरी।

चमेली देवी लगातार जामताड़ा एसडीओ व निरसा सीओ से बात कर राहत कार्य का जायज़ा ले रही हैं और पनडुब्बी के माध्यम से लोगों को ढूँढने का आग्रह कर रही है।

पुल नहीं बन पाने के विषय में उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में स्वर्गीय विष्णु भैया के कार्यकाल के दौरान 36 करोड़ की लागत से उक्त पुल का निर्माण शुरू हुआ। परंतु कुछ प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसका निर्माण नहीं हो पाया। आज पंद्रह वर्ष से अधिक वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल न बन पाना वर्तमान सरकार से कहीं ज़्यादा पूर्ववर्ती सरकारों की विफलता है। पूर्व की सरकार अगर इस पुल का निर्माण कर देती तो आज यह हादसा नही होता। इस विषय को उचित ढंग से वर्तमान सरकार के समक्ष रखने पर उन्हें आशा है की यह जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि बराबेंदिया पुल का निर्माण ही मृतकों को सच्ची श्रद्धांजली होगी। आगे उन्होंने इस घटना में सुभाष मिर्धा जैसे लोग जो घटनास्थल पर राहत कार्य में जुटे है और लगातार राहत कार्य में सहयोग कर रहे है उनकी सराहना की। कहा की आज भी इंसानियत है की इन जैसे लोग दिन रात एक कर के राहत कार्य में प्रशासन की मदद कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान ही वे विभागीय सचिव और सीएम से मिलकर जल्द मुआवज़ा, आर्थिक सहायता और पुल की स्वीकृति के लिए प्रयास करेगी। मौक़े पर विजय राउत, सुभाष मिर्धा, विकास मंडल, अष्टम महतो सहित भारी संख्या में मोमिन टोला और पंजानिया के ग्रामीण उपस्थित थे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More