Jamshedpur Today News :कोई संतुलित मस्तिष्क यहाँ तीसरा पुल बनाकर मानगो का ट्रैफ़िक बोझ कम करने के बारे में नहीं सोच सकता – सरयू राय

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जमशेदपुर

सुबे के स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता के द्रारा मानगो के स्वर्णरेखा नदी पर बार- बार तीसरे पुल के निर्माण पर बयान देने पर जमशेदपुर(पुर्वी) के विधायक सरयू राय ने एक बार फिर हमला किया है। उन्होंने इस मामलें को लेकर प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा हैं कि  मानगो को ट्रैफ़िक जाम से मुक्ति दिलाने के नाम पर साक्ची और मानगो के बीच तीसरा पुल बनाना तकनीकी, वित्तीय और यातायात के दृष्टिकोण से अव्यवहारिक है. यहाँ तीसरा पुल बनाने की योजना न तो टाटा स्टील की है और न ही झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग ने इसके बारे में कोई निर्णय लिया है. यदि किसी अभियंता ने या किसी अधिकारी ने इसके लिये सर्वेक्षण आरंभ किया है, मिट्टी जाँच का नमूना लिया है और टाटा स्टील से अनापत्ति प्रमाण पत्र की माँग की है तो उसका तकनीकी ज्ञान और प्रशासनिक अनुभव संदेहास्पद है और प्रश्न चिन्ह के घेरे में है. ऐसा कोई भी निर्णय निहित स्वार्थ प्रेरित राजनीतिक सोच का नमूना तो हो सकता है, पर तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टिकोण से उपयुक्त एवं व्यवहारिक नहीं हो सकता.

मानगो को ट्रैफ़िक जाम से निजात दिलानी है तो निम्नांकित उपायों का प्रस्ताव मैंने सरकार को काफ़ी पहले है और गत विधानसभा सत्र में इसपर मेरा सवाल भी था.

  1. सरकार अन्ना चौक से गोविन्दपुर होते हुए फ़्लाई ओवर और सड़क बनाने का रूका हुआ काम पुनः आरम्भ करे ,

  2. सरकार या टाटा स्टील लिट्टी चौक से डीपीएस होते हुए एनएच-33 तक स्वर्णरेखा पर पुल और सड़क बनाये,

  3. सरकार या टाटा स्टील जमशेदपुर सर्किट हाउस के सामने नदी पर पुल बनाकर ओल्ड पुरूलिया रोड से जोड़े.

  4. सरकार या टाटा स्टील मानगो के पुराने और पतले पुल को तोडकर वहाँ एक चौड़ा पुल बनाये .

सामान्य बुद्धिमता भी यह परिकल्पना आसानी से कर सकती है कि मानगो और साक्ची के बीच पूर्व से बने हुए दो पुलों के बगल में तीसरा पुल बना देने से मानगो की ट्रैफ़िक समस्या किसी भी प्रकार कम नहीं होगी. वहाँ तीसरा या चौथा, पाँचवाँ पुल बनाने के बाद भी इन पुलों का ट्रैफिक एक ओर मानगो चौक पर और दूसरी ओर साक्ची के बडा गोलंबर पर इकट्ठा होकर जाम लगायेगा.

जाम से मुक्ति का एक विकल्प यह हो सकता है कि मानगो चौराहा पर डिमना रोड की ओर फ़्लाई ओवर बना दिया जाय. साथ ही दूसरा फ़्लाई ओवर मानगो पुल के साक्ची वाले छोर पर स्थित बड़ा गोलचक्कर के उपर बना दिया जाय और मानगो बस स्टैंड का स्वरूप भी तदनुकुल बदला जाय.

यदि किन्ही को तीसरा पुल बनाने का राजनीतिक हठ है तो मेरी सलाह है कि वे यह हठ छोड़ें, नहीं तो जगहँसाई होगी. राज्य की बदनामी अलग से होगी और पैसे की बर्बादी भी होगी. पुराना पतला वाला पुल तोड़कर उसकी जगह चौड़ा नया पुल बनाकर भी ऐसे राजनीतिक हठ की आत्म तुष्टि की जा सकती है. परंतु कोई संतुलित मस्तिष्क यहाँ तीसरा पुल बनाकर मानगो का ट्रैफ़िक बोझ कम करने के बारे में नहीं सोच सकता और उपर वाला तो कभी भी ऐसी विकृत सोच की हिमायत नहीं कर सकता.

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