JAMSHEDPUR
सिक्खों के पहले गुरू गुरू नानक साहिब जी के 552 वे प्रकाश पुरब को मुख रखते हुए जमशेदपुर के तमाम गुरदुवरा साहिब में कीर्तन दरबार सजाया गया जिसमें जमशेदपुर के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने किताड़ी गुरदुवरा साहिब ओर टोला डूँगरी गुरदुवरा साहिब में कथा विचार कर संगत को निहाल किया उन्होंने कहा की गुरू जी ने हमेशा जगत को सच के मार्ग में चलने की परेरणा दी उन्होंने किरत करना नाम जपना एवं वंड के छकना का संदेश दिया हरविंदर सिंह ने कहा की गुरू जी ने सब को एकोंकार का संदेश देते हुए एक परमात्मा पर यक़ीन करने का हुकम दिया ऊच नीच का भेद भाव ख़त्म किया हरविंदर ने कहा कि गुरू साहिब ने भुर्ण हत्या के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी उन्होंने गुर्बानी में भी कहा है सो क्यों मंदा अखिए ज़ित जमे रजान अर्थात् जिस ओरत के गार्ब से राजे महाराजों का जन्म हुआ हो उसे बुरा भला कहना सही नहीं उसे भी जीने का हक़ है हरविंदर ने संगत को बताया की गुरू जी ने क़बूल कन्धार बग़दाद शिरीलंका ओर कई इलाक़ों में जा कर लोगों को सच के मार्ग में चलने की परेरणा दी हरविंदर सिंह ने जमशेदपुर के तमाम सिख संगत को गुरू नानक साहिब के पर्कश पुरब की बधाई दी एवं साथ ही साथ किसान विरोधी तीन कृषि क़ानून को वापस लिए जाने की संगत को बधाई दी
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