JAMSHEDPUR -भाजपा जमशेदपुर के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व मंत्री सरयू राय की संस्था युगांतर भारती के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की माँग की

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जमशेदपुर। भाजपा जमशेदपुर महानगर ने पूर्व मंत्री और जमशेदपुर के विधायक  सरयू राय के संरक्षण में चलने वाली संस्था युगांतर भारती की पूरी गतिविधियों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। झारखंड सरकार अगर युगांतर भारती की निष्पक्ष जांच करती है, तो कई सनसनीखेज मामले सामने आएंगे। जिसका संबंध कहीं न कहीं विधायक सरयू राय से है। इस संस्था की आड़ में सालों से सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। जमशेदपुर महानगर भाजपा ने युगांतर भारती की जांच के लिए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (निगरानी) और महा निबंधक निबंधन को ज्ञापन सौंपा है।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय युगांतर भारती की आड़ में गिरोह बनाकर भ्रष्ट कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। युगांतर भारती की पूरी गतिविधियों और इससे जुड़े लोगों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। युगांतर भारती से जुड़े कई लोगों के परिजनों ने गलत लाभ लिया है।
युगांतर भारती की प्रबंध कार्यकारिणी समिति के सदस्य रह चुकी सुजाता शंकर के पति सुनील शंकर को मंत्री रहते सरयू राय ने गलत तरीके से रिटायरमेंट के पूर्व ही पणन पदाधिकारी नियुक्त कर दिया था। संविदा पर नियुक्ति के लिए या तो विज्ञापन निकाला जाता है या फिर मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री की अनुमति ली जाती है। सुनील शंकर को श्री सरयू राय ने अपने स्तर से ही नियुक्त कर लिया और मुख्यमंत्री से अनुमति नहीं ली। सरयू राय को इसका अधिकार ही नहीं था।
श्री सरयू राय के मंत्री रहते सुनील शंकर को संविदा पर तुरंत बहाल कर दिया गया, जबकि शेष रिक्तियों के लिए सरयू राय ने विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन मांगने का आदेश दिया था। सुनील शंकर 30 सितंबर 2017 को रिटायर हो रहे थे और सरयू राय का ही आदेश था कि संविदा पर होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाए। जबकि प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूर्ण होनी थी, तो सुनील शंकर को मंत्री ने पहले ही कैसे नियुक्त कर दिया।
मजेदार तथ्य है कि श्री सरयू राय ने मंत्री रहते संविदा पर नियुक्ति की फाइल 2 साल तक घूमती रही, लेकिन एक भी नियुक्ति नहीं हुई सिवाय सुनील शंकर के।
सवाल उठना लाजमी है
– श्री सरयू राय और सुनील शंकर का क्या संबंध है?
– मंत्री रहते श्री सरयू राय आखिरकार सुनील शंकर पर इतने मेहरबान क्यों थे कि सारे नियम कानून को तोड़ दिया।
– सुनील शंकर के रिटायरमेंट के पूर्व ही रिटायरमेंट की तिथि से उन्हें क्यों नियुक्त किया गया?
– सुनील शंकर और युगांतर भारती संस्था से जुड़ी मधु जी का आपस में क्या संबंध है?
–  सरयू राय और मधु जी का रांची स्थित घर का पता एक ही क्यों है?
– क्या सुनील शंकर की पत्नी सुजाता शंकर भारती के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य रह चुकी हैं।

युगांतर भारती की जांच क्यों जरूरी है
– युगांतर भारती का निबंधन झारखंड निर्माण से पहले बिहार में हुआ था। संस्था का कार्यालय रांची, झारखंड में है लेकिन संस्था का निबंध झारखंड में नहीं कराया गया। क्यों?
– राज्य निर्माण के बाद राज्य सरकार का आदेश था कि जो संस्थाएं राज्य निर्माण के बाद झारखंड में काम कर रही है, उसे झारखंड में निबंध कराना होगा। युगांतर भारती ने आखिर झारखंड में निबंध क्यों नहीं कराया और फर्जी तरीके से काम करती रही।
– युगांतर भारती को सरकार के किन किन विभागों से फंड मिला और उसका क्या इस्तेमाल हुआ, इसकी जांच जरूरी है।
– नामकुम के सिदरोल ने जिस भूमि पर युगांतर भारती का कार्यालय है उसके मालिकाना हक का विवाद क्या है। सरकार के पास शिकायत होने के बावजूद इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है।
– युगांतर भारती से जुड़े कई तथ्य और प्रमाण मौजूद हैं। राज्य सरकार जांच कराए तो सारे प्रमाण जांच एजेंसी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
– युगांतर भारती को मिले फंड, आर्थिक आय-व्यय, गतिविधियों, कार्यकलापों की जांच होनी चाहिए। निष्पक्ष जांच हुई तो विधायक के कारनामे कई सामने आ सकते हैं।

जमशेदपुर महानगर भाजपा कि झारखंड सरकार से मांग है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए ताकि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

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