Jamshedpur News:सहयोग’ के 25साल पूरे होने पर कलाकृति ऑडिटोरियम में मनाया गया रजत जयंती समारोह
बहुभाषीय साहित्यिक संस्था 'सहयोग' के 25साल पूरे होने पर कलाकृति ऑडिटोरियम में मनाया गया रजत जयंती समारोह,साहित्यकारों का हुआ जुटान,यादगार कार्यक्रम से मंत्रमुग्ध हुए लोग
Anni Amrita
अन्नी अमृता
जमशेदपुर..
बहुभाषीय साहित्यिक संस्था ‘सहयोग’ की स्थापना के 25वर्ष पूरे हो गए हैं.इस मौके को यादगार बनाने के लिए कदमा डीबीएमएस के कलाकृति ऑडिटोरियम में एक यादगार कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें शहर और आस पास से आए साहित्यकार जुटे.
कार्यक्रम में बतौर साहित्यिक अभिभावक पहुंचे मशहूर साहित्यकार डाॅ सी भास्कर राव ने कहा कि किसी भी संस्था का 25वर्ष पूरे करना एक कीर्तिमान है…
ऐसी संस्था जिसने नींव पड़ने के बाद कभी पीछे मुडकर नहीं देखा..यह संस्था जाने क्यों मेरे अंतर्मन में बनी रही.जब भी इसकी गतिविधियों की जानकारी मिलती तो मेरा पहला और आखिरी एहसास यही होता है कि डाॅ जूही समर्पिता की पहल और अन्य सहयोगियों के सहयोग से शुरू की गई यह संस्था अपने आप में पूर्ण संस्था है. इस संस्था ने केवल नारे नहीं लगाए, बड़ी-बड़ी बातें नहीं की बल्कि समर्पण के साथ काम करके दिखाया,वर्ना आजकल काम कम और दिखावा ज्यादा होता है.जगजीत सिंह की एक गजल है न-
बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी..’सहयोग’ बहुत दूर तक गई.शहर और राज्य की सीमाओं को लांघा.
कार्यक्रम में समाजसेवी शिवशंकर सिंह बतौर मुख्य अतिथि, बी.चंद्रशेखर, बतौर अध्यक्ष और प्रसेनजीत तिवारी विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए.
कार्यक्रम की शुरुआत में सहयोग की अध्यक्ष डाॅ मुदिता चंद्रा ने स्वागत भाषण देते हुए सहयोग का परिचय कराया.वहीं सहयोग की संस्थापक डाॅ जूही समर्पिता ने सहयोग के पच्चीस वर्षों के सफर को एक फिल्म के माध्यम से दिखाया कि कैसे लोग जुड़ते चले गए.फिल्म के माध्यम से विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों ने सहयोग को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं.
कार्यक्रम में मौजूद अल्पना भट्टाचार्या को उनके योगदान को देखते हुए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया.कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ रागिनी भूषण रचित गीत को छात्राओं ने डाॅ सनातन दीप के नेतृत्व में गाकर सुनाया.
कार्यक्रम के दौरान ‘सहयोग’ की तरफ से आयोजित किए गए ‘आओ काव्य रचाएं, रस की धार बहाएं’ काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों ने पुरस्कृत किया.इनमें डाॅ रजनी रंजन ने प्रथम, अरुणा झा ने द्वितीय, पामेला घोष दत्ता ने तृतीय और सुधा अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.इस दौरान काव्य संग्रह मन मंजरी का लोकार्पण किया गया.उसके साथ ही अतिथियों ने रजत जयंती समारोह स्मारिका का भी लोकार्पण किया.स्मारिका के संपादक मंडल निम्नलिखित हैं–
डाॅ संध्या सिन्हा, डाॅ कल्याणी कबीर, डाॅ अनिता शर्मा, डाॅ पुष्पा कुमारी, डाॅ भारती कुमारी, भावेश कुमार..
अंत में सहयोग के सदस्यों ने कालजयी रचनाओं के मशहूर साहित्यकारों, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं(अमृता प्रीतम, चित्रा मुद्गल,सावित्री बाई फूले, क्षमा शर्मा, लिली रे आदि) को समर्पित एक साहित्यिक अभिनय पेश किया जिसमें अलग अलग साहित्यकारों के हाव भाव कविताओं, गीत, विचारों को सहयोग के सदस्यों ने अपने अभिनय से जीवंत कर दिया.
कार्यक्रम में साहित्यकार आनंदबाला शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता मंजू ठाकुर व अन्य लोग मौजूद थे.इस कार्यक्रम के आयोजन में डाॅ रागिनी भूषण, डाॅ विद्या तिवारी और अन्य वरिष्ठ सहयोगियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता बतौर सहयोग की सदस्य के रुप में मौजूद थीं जिन्हें सम्मानित किया गया.वहीं प्रतियोगिता में भाग लेने वाली कई छात्राओं को सर्टिफिकेट और अवार्ड प्रदान किए गए.
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