JAMSHEDPUR NEWS :नियोजन नीति में मैथिली को स्थान मिलना चाहिए – रघुवर दास
विद्यापति बाबा के चरण में हम प्रार्थना निवेदित करैत छी

मिथिला माटिक लाल छलाह ललित बाबू
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मिथिला की परंपरा को संरक्षित करने के संकल्प के साथ मिथिला महोत्सव 2025 का भव्य समापन
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जमशेदपुर।
ललित नारायण मिश्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक कल्याण समिति, जमशेदपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रथम चरण में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात सुधानन्द झा आचार्य जी ने स्वस्तिवाचन एवं महिला शाखा की सदस्याओं ने डेज़ी ठाकुर के नेतृत्व में जय जय भैरवी भगवती गीत का गायन किया।
मंचीय कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री रघुवर दास, पूर्व राज्यपाल, ओडिशा, श्री मंगल कालिंदी, विधायक, जुगसलाई, स्व० ललित बाबू के पौत्र श्री सुमीत मिश्र, डॉक्टर अशोक अविचल पूर्व संयोजक नॉर्थ ईस्ट रीजन साहित्य अकादमी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने संयुक्त रूप से किया। सभी अतिथिओं का स्वागत पाग,डोपटा और पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मान किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में महोत्सव को संबोधित करते हुए श्री रघुवर दास ने कहा कि मैथिल अपने भेष-भूषा,पारंपरिक परिधान के लिए प्रचलित है। मैथिली भाषा – भाषी कपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए बराबर कर्तव्य निर्वहण करते रहते हैं। मैथिल लोग अपने संवर्धन के लिए अपने घर-परिवार में भी मैथिली भाषा का प्रयोग करते हैं। श्री दास ने झारखंड सरकार से मांग की कि नियोजन नीति में मैथिली को शामिल करने की मांग की। साथ ही मैथिली अकादमी का गठन करने की मांग की और कहा कि उपरोक्त दोनो मांगों के पूर्ण समर्थन में हूँ। संविधान की अष्टम अनुसूची में मैथिली को शामिल कर स्व० अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सम्मान दिया। उसी प्रकार नरेंद्र मोदी सरकार ने मखाना को उद्योग के रूप स्थापित करवाया।संस्था को उनके नाम पर महोत्सव के आयोजन के लिए बधाई दी। वक्ता के रूप में स्व० ललित नारायण मिश्र के पोते और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुमीत मिश्रा एवं विधायक, जुगसलाई श्री मंगल कालिंदी ने भी अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के लिए अध्यक्षीय उद्बोधन श्री जयचंद्र झा ने किया । कार्यक्रम में स्वागत भाषण नवकान्त झा ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन महासचिव शंकर कुमार पाठक ने किया। मंच संचालन अशोक अविचल ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ जिसमें मनमोहन विद्यापति गीतों की प्रस्तुति से रंजना झा ने तालियां बटोरीं । नेपाल से आये भाव-नृत्य के समूह द्वारा झिझिया, सामा-चकेवा आदि का नृत्य प्रस्तुत किया गया। मीनाक्षी ठाकुर के लोकगीतों ने भी लोगों को काफी झुमाया और दिलीप दरभंगिया के गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया। आज के लिए मंच के उद्घोषक आशुतोष झा रहे।
इन्हें मिला सम्मान
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1. डॉ० अजय झा
2. डॉ० रविन्द्र कुमार चौधरी
3. शिशिर मिश्रा
4. कौशलेंद्र दास
5. अजीत सिंह
6. मैथिली मंच रांची के पदाधिकारीगण