● धारा 144 लागू होने के बावजूद सड़क पर स्वागत में सड़क पर कैसे इकट्ठे हुए बन्ना समर्थक ? : दिनेश
जमशेदपुर.
हेमंत सोरेन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक बन्ना गुप्ता के स्वागत समारोह के कारण डिमना-मानगो मुख्य मार्ग में लगी जाम के कारण कई एम्बुलेंस फँसे रहें। इससे एक मरीज की जाम में फँसे रहने के कारण मृत्यु हो गयी। स्वयं एम्बुलेंस चालक के बयान से इस बात की पुष्टि होती है। इस घटना पर भारतीय जनता पार्टी ने मृतक के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करते हुए इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया। जमशेदपुर महानगर भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए फ़ौरन इस्तीफ़े की माँग की है। कहा कि हेमंत सरकार के शपथ ग्रहण के बाद से ही आम जनता की खुशियों पर मानिए की ‘ग्रहण’ लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री के स्वागत समारोह के कारण कई एम्बुलेंस का घँटों जाम में फँसे रहना और इनमें दो मरीजों की मृत्यु की ख़बर अत्यंत ही स्तब्धकारी है। यह हेमंत सोरेन की सरकार की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता और जमशेदपुर प्रशासन इस शर्मनाक घटना के लिए पूर्णतया जिम्मेदार हैं। जमशेदपुर में ट्रैफिक पर आम लोगों पर सख्ती और माननीय मंत्री के स्वागत कार्यक्रम में नरमी दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय के आदेश से जमशेदपुर में 30 जनवरी 2020 से ही धारा 144 लागू की गयी है। ऐसे में पाँच से ज्यादा संख्या में लोग बगैर अनुमति इकठ्ठे नहीं हो सकतें। इसके अलावे 144 धारा के तहत कई विषयों पर निषेधाज्ञा लागू रहती है। प्रशासन की मौजूदगी में सरेआम क़ानून की ना केवल अवमानना हुई बल्कि इसके कारण उतपन्न जाम से फंसे एम्बुलेंस में मरीजों और आम लोगों को भी अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ा। भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने माँग किया कि इस मामले में बन्ना गुप्ता अविलंब मंत्री पद से इस्तीफ़ा दें और सूबे की सरकार इस घटना में मृतकों के परिजनों को फ़ौरन दस-दस लाख रुपये और सरकारी नौकरी मुहैया कराए। भाजपा ने माँग किया कि इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए। प्रथमदृष्टया यह मामला घोर लापरवाही और शासन के दुरुपयोग का प्रतीत होता है। 144 धारा के उल्लंघन से उतपन्न जाम के परिणामस्वरूप एक मरीज की मृत्यु मामले में स्वागत समारोह के आयोजकों और मंत्री बन्ना गुप्ता पर ग़ैर-इरादतन हत्या का केस जमशेदपुर प्रशासन द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए दायर की जानी चाहिए। कहा कि यदि अगले 48 घँटों के भीतर जिला प्रशासन इस मामले में कार्यवाई नहीं करती है तो भारतीय जनता पार्टी मानवाधिकार आयोग और उच्च न्यायालय की शरण में जाएगी और याचिका दायर कर न्याय की अपील होगी।
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