माइंड ओवर मैटर- टाटा स्टील द्वारा युवा आविष्कारकों का अभिनंदन

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जमशेदपुर, 12 जुलाई,

टाटा स्टील के पास अनुसंधान एवं विकास पर निरंतर फोकस करने के माध्यम से इनोवेशन की समृद्ध विरासत है। निरंतर सुधार तथा इनोवेशन पर ध्यान केन्दिरत करने की इसकी प्रतिबद्धता के साथ प्रमुख इस्पात कंपनी ने आज ‘माइंड ओवर मैटर’, भारत के भावी युवा आविष्कारकों के लिए एक प्रतिभा खोज के लांच की घोषणा की।

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प्रतिभा खोज में प्रतिभावान छात्रों ने 3 सदस्यीय टीम के रूप में भाग लिया, जिसमें उन्होंने 9 श्रेणीयो  में से एक में, लीक से हटकर नये आइडियाज प्रस्तुत किये, जिसे www.valueabled.com.  में सूचीबद्ध किया गया है। सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों के साथ आनेवाली टीम का चयन टाटा स्टील द्वारा किया गया ताकि जमशेदपुर में उनके साथ मिलकर एक औद्योगिक ढ़ांचे की अवधारणा को प्रमाणित करने के लिए उनके आइडियाज पर अमल किया जाये। उनके ग्रीष्मकालीन प्रोजेक्ट के माध्यम से, आर ऐंड डी टीम तथा मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञों द्वारा उन्हें मार्गदर्शन दिया गया और अत्याधुनिक उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

भारत के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक अभियान चलाया गया था जिसके बादwww.valueabled.com.  पर एक माइक्रोसाइट लांच किया गया, जो टाटा स्टील द्वारा संचालित युवाओं के लिए एक पोर्टल है, जिसमें प्रतिभा खोज के बारे में जानकारी दी गई थी। सोशल नेटवर्कों एवं डायरेक्ट ई-मेलर्स के माध्यम से भी इसका प्रचार किया गया। बाद में ज्यादा भागीदारी एवं सहभागिता को प्रोत्साहन देने के लिए डॉ सुमितेश दास, चीफ ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम्स के साथ गुगल हैंगआउट आयोजित किया गया। श्री दास के अनुसार, इस पहल (माइंड ओवर मैटर) का जन्म एक अध्ययन से हुआ था जो जमशेदपुर में एक टीम के द्वारा इनहाउस किया गया था, जिसमें उनके साथ डॉ संजय चंद्रा (चीफ आर ऐंड डी ऐंड साइंटिफिक सर्विसेज), डॉ प्रदीप कुमार बनर्जी, (चीफ रिसर्चर) और डाॅ तपन कुमार राउत (प्रिसिंपल साइंटिस्ट) शामिल थे। हर साल, आर ऐंड डी ऐंड साइंटिफिक सर्विसेज में भारत के विभिन्न इंजीनियरिंग काॅलेजांे से करीब 40-50 छात्र चुनौतीपूर्ण समर इंटर्न प्रोजेक्ट पर काम करते हैं और जिस काम को हम करते हैं उसके करने के तरीके में नयापन और अलग-अलग परिप्रेक्ष्य सामने लाते हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में बतौर मुख्य अतिथि डॉ संजय चंद्रा, चीफ आर ऐंड डी ऐंड साइंटिफिक सर्विसेज, टाटा स्टील ने कहा कि माइंड ओवर मैटर, टाटा स्टील में व्यावहारिक अनुभव हासिल करने की दिशा में छात्रों के लिए एक बड़ा मंच साबित होगा जहां वे अपने इनोवेटिव आइडियाज को प्रदर्शित कर सकते हैं। सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के सहयोग से कंपनी देश में इनोवेशन को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि माइंड और मैटर का संज्ञान एक रोमांचक यात्रा होनी चाहिए और टाटा स्टील में हम सभी को भविष्य के इनोवेटिव प्रतिभाओं की मेजबानी करके गर्व की अनुभूति हो रही है। सत्र की शुरुआत डॉ  संजय चंद्रा, चीफ आर ऐंड डी ऐंड साइंटिफिक सर्विसेज के स्वागत संबोधन www.valueabled.com.  साथ हुई जिसके बाद डॉ तपन राउत, प्रिंसिपल साइंटिस्ट-न्यू टेक्नोलाँजी ऐंड स्टेªटजी तथा डाँ सुमितेश दास, चीफ ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम ने परिचयात्मक सत्र का संचालन किया। कुल 6 चयनित टीमों ने अपने इनोवेटिव आइडियाज पर प्रेजेंटेशन दिये। सत्र का समापन डॉ पी के बनर्जी, चीफ रिसर्चर-रॉमेटेरियल द्वारा व्यावहारिक एवं ज्ञानवर्द्धक टिप्पणियों के साथ हुआ।

 

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