जमशेदपुर।


टाटास्टील ने किसानों को वैज्ञानिक कृषि का व्यवहारिक ज्ञान देने के उद्देश्य से 21-22 दिसंबर को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नोआमुंडी में दो दिवसीय कृषि सम्मेलन ‘वार्ता’ का आयोजन किया। आज यह सम्मेलन संपन्नहो गया। इस में नोआमुंडी व काटामाटी से 350 से अधिक किसानों समेत अनुसंधानकर्ताओं, वैज्ञानिकों और टीएसआरडीएस के फैसिलीटेटर्स ने हिस्सा लिया। 21 दिसंबर को पंकज सतीजा, जीएम, ओएमक्यू ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और आज उनके द्वारा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ इसका समापन हुआ।
कार्यक्रम में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों की उत्पादकता में सुधार,उच्च भूमि में खेती, आय के वैकल्पिक स्रोत के रूप लाह की खेती, पशुपालन और बहुफसली खेती के लाभ पर बल दिया गया।किसानों के सशक्तीकरण एवं अभिविन्यास के लिए प्रसि़द्ध संस्थानों से विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और रिसोर्स पर्सन को आमंत्रित किया गया था।डॉ. प्रमोद कुमार, वैज्ञानिक, कृषिविज्ञानकेंद्र, जगन्नाथपुर, डॉ.अरशद, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, जगन्नाथपुर, डॉ.किरनसिंह, वैज्ञानिक, कृषिविज्ञानकेंद्र, सरायकेला, डॉ.योगेश, वरीय वैज्ञानिक, सेंट्रल अपलैंड राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, हजारीबाग, डॉ.एसस्वैन, कंसल्टेंट, ओडिशा स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी, भुवनेश्वर और डॉ.जगन्नाथ हेम्ब्रम, इंचार्ज, कुपोषण उपचार केंद्र, चाईबासा ने कृषि व इससे जु़ड़ी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं पर सत्रों का संचालन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सतीजा ने कहा, ‘‘खेती, वनोत्पादन और पशुपालन पूरी तरह से जैव विविधता और इसके अवयवों पर निर्भर है और कई परोक्ष व अपरोक्षतरी केसे जैव विविधता को प्रभावित करते हैं। हम अपने संचालन क्षेत्र में जैव विविधता के संरक्षण, विकास और पुनरुद्धार के प्रतिकटिबद्ध हैं।’’ टाटा स्टील कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (झारखंड) हेड देवदूत मोहंती ने कहा, ’’मुझे पूरा भरोसा है कि इस इवेंट में शामिल किसान प्राप्त ज्ञान को अपने गांव में साथी किसानों के साथ साझा करेंगें और आय सृजन बढ़ाने वाली गतिविधियों का मिलकर संचालन करेंगे।’’