गिरोह के द्वारा महिलाओ को बनाया जाता था निशाना
संवाददाता.जमशेदपुर,22 दिसबंर
जमशेदपुर पुलिस ने मोबाइल स्नैचर गिरोह को परङने में सफलता पाई है ।इस मामले में पुलिस ने चार लोगो को पकङने में सफलता पाई हैं,पुलिस ने उनके पास से मोबाईल 7 बरामद किया गया हैं..
स्मार्टफोन वाली महिलाओं को करते थे टारगेट
इस गैंग द्वारा सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर व बागबेड़ा में महिलाओं को टारगेट किया जाता था. ये लोग वैसी महिलाओं को टारगेट करते थे, जिनके हाथों में महंगी मोबाइल खासकर स्मार्टफोन होता था. महिलाओं मोबाइल पर अपनी धुन में बात करते हुए जाती हैं और पीछे से बाइक पर सवार होकर ये उचक्के उनके हाथों से मोबाइल छीनकर भाग निकलते थे.
19 से 21 साल के स्नैचर्स दे रहे थे घटना को अंजाम
पिछले तीन महीनों में इन स्नैचर्स द्वारा ऐसी 7 घटनाओं को अंजाम दिया गया था. हालांकि कई मामलों में पुलिस को कम्प्लेन भी नहीं की गई है. पुलिस ने इस मामले में जुगसलाई निवासी अब्दुल रहीम, नवाज शरीफ, सरफराज आलम व राशिद अली को गिरफ्तार किया है. इनकी उम्र 19 से 21 साल के बीच की है. ये लोग केवल पैसों के लिए महंगे मोबाइल की छिनतई करते थे. इनका निशाना खासकर महिलाएं ही होती थीं.
पैदल हो या स्कूटी पर छीन लेते थे मोबाइल
पिछले 20 दिसंबर की शाम 7.30 बजे सोनारी स्थित कारमेल स्कूल मोड़ के पास एक महिला मोबाइल से बात करते हुए जा रही थी. इस बीच बाइक सवार 4 क्रिमिनल्स महिला से मोबाइल छीनकर भाग निकले. इसी तरह 18 दिसंबर को बिष्टुपुर स्थित टाटा क्लब के पास से स्कूटी से जा रही महिला का मोबाइल फोन छीनकर ये भाग निकलते थे.
छीनी गई मोबाइल व बाइक जब्त
सिटी एसपी कार्तिक एस ने बताया कि इस संबंध में सोनारी थाना में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस टीम का गठन कर मामले की जांच पर लगाया गया. टीम ने सूचना के आधार पर जुगसलाई निवासी अब्दुल रहीम को अरेस्ट किया. पूछताछ में उसने छिनतई की बात को कबुल किया और गिरोह के दूसरे लोगों के बारे में जानकारी दी. उनका कहना था कि वे केवल महिलाओं को टारगेट कर छिनतई करते थे. पुलिस ने छिनतई में यूज होने वाली बाइक को भी रिकवर कर लिया है. उनके पास से पुलिस ने कारमेल स्कूल व टाटा क्लब के पास से छीनी गई मोबाइल के साथ ही अन्य मोबाइल भी रिकवर की गई है.
3000 रुपए में बेच देते थे स्मार्टफोन
इस गिरोह के खिलाफ पहले से कोई मामला दर्ज नहीं है. सिटी एसपी ने बताया कि पकड़े गए युवक प्लंबर व दूसरे काम करते हैं और पैसों के लिए मोबाइल की छिनतई करते थे. महंगे स्मार्टफोन के ये 3000 से 4000 रुपए में बेच देते थे.
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