काला पत्थर चोटी (5550 मीटर) की ऊंचाई को सफलतापूर्वक फतह किया और माउंट एवरेस्ट बेस कैम्प तक पहुंचा


नई दिल्ली,21 अक्टुबर
भारत के महज 5 साल के बच्चे ‘हर्षित सौमित्रा’, जीडी गोएनका, मॉडल टाउन, नई दिल्ली, भारत के ग्रेड 1 स्टूडेंट ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए काला पत्थर (5550 मीटर) की चोटी को फतह करने और माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प तक पहुंचने वाला ‘सर्वाधिक छोटा पर्वतारोही’ बनने का गौरव हासिल किया है। भारत और नेपाल को गौरव प्रदान करते हुए हर्षित ने पहाड़ी की चोटी पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और जय हिंद, का जयघोष किया। हर्षित ने ये सफलता 17 अक्टूबर, 2014 को प्राप्त की।
इस यादगार अवसर पर हर्षित को श्री प्रेम लशकेरी, प्रेसिडेंट, नेपाल भारत फ्रैंडशिप सोसायटी ने भी सम्मानित किया और एक विशेष सम्मान समारोह भी काठमांडू में आयोजित किया गया, जिसमें हर्षित की सफलता और उसके नए विश्व रिकॉर्ड के बारे में बताया गया।
पर्वतारोहण, हर्षित के डीएनए में है और उसे ये जुनून अपने पिता राजीव सौमित्रा से मिला है, जो कि खुद भी विश्व के एक जाने माने पर्वतारोही हैं और बेहद प्रसिद्ध जियोग्राफी टीचर भी हैं। पैरामाउंट कोचिंग सेंटर के संस्थापक राजीव सौमित्रा ने इससे पहले माउंट एवरेस्ट, रूस के एल्बरूस और अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो पर भी फतेह हासिल की है। सिर्फ 2 साल 6 माह की छोटी सी उम्र में ही पर्वतारोहण का प्रशिक्षण शुरू करने के साथ ही हर्षित ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आत्मविश्वास दिखाया और सीखने एवं प्रदर्शन करने की क्षमताओं को प्रदर्शित किया। वह छोटी उम्र से ही निर्देशों को समझने लगा था। लंबे अभ्यास सत्रों में शामिल होने की क्षमता और बेहद अधिक धैर्य का प्रदर्शन करने के क्षमता भी उसने छोटी उम्र से ही बना ली थी और इन सभी क्षमताओं के कारण ही वह ये सफलता हासिल कर पाया है।
इस अवसर पर बेहद खुश हर्षित ने कहा कि ‘‘ मैं अपनी सफलता पर बेहद खुशी महसूस कर रहा हूं। मेरे माता-पिता की मदद और निरंतर समर्थन के बिना मैं ये सफलता कभी हासिल नहीं कर पाता। अब, मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करने की योजना बना रहा हूं और गर्मियों में फिर से पर्वतारोहण के लिए जाऊंगा।’’हर्षित ने कहा कि ‘‘भारत एक महान देश है और मुझे भारत का नागरिक होने पर गर्व है। जय हिंद।’’
इन यादगार पलों को और स्मरणीय बनाते हुए हर्षित के पिता श्री राजीव सौमित्रा ने ऐलान किया कि ‘‘हमें हर्षित की सफलता पर बेहद गर्व है और हम इन खुशियों को सुविधाओं से वंचित लोगों और बच्चों के साथ बांटना चाहते हैं जो कि समाज के कमजोर वर्गों से आते हैं। इसलिए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर्षित फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है जो कि इन वर्गों से आने वाले स्टूडेंट्स की शिक्षा, खेल और स्वास्थ्य पर सहायता करने के लिए ध्यान केन्द्रित करेगी। ’’