
संवाददाता,जमशेदपुर .10 अक्टुबर

झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के हरमोहन महतो ने जमशेदपुर के उपायुक्त के माध्य् म से केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र भेजकर कुडमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. अपने पत्र में श्री महतो ने इस बात का भी जिक्र किया है कि अलग राज्य की लडाई में लाखों कुडमियों ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. झारखंड अलग राज्य होने के बावजूद आजतक कुडमियो को अपना हक व अधिकार नहीं मिल पाया है. इसकारण कुडमियों की अपनी भाषा कुडमाली लिपि व भाषा संस्कृति नष्ट होने के कगार पर है. वैसे गत 24 नवंबर, 2॰11 को राज्य सरकार ने कुडमाली भाषा को राज्य्ा में द्वितीय राजभाषा के रुप में मान्यता दी है एवं वर्तमान में रांची दूरदर्शन, जमशेदपुर रेडियो तथा आकाशवाणी से कुडमाली भाषा में गीत, झूमर आदि प्रचार प्रसार किया जाता है. इसलिए हरमोहन ने मंत्री से झाऱखंड सहित पश्चिम बंगाल, ओडिसा, असम राज्य के बहुसंख्यक आबादी द्वारा बोली जानेवाली कुडमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर इसका अस्तित्व बरकरार रखने का आग्रह किया है. इस मौके पर उनके साथ डेमका सोय, उमाकांत सबर आदि भी शामिल थे.
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