
जमशेदपुर ,9अक्टूबर

समुद्री तूफान हुदहुद उड़ीसा और आंध्रप्रदेश के तटवर्ती इलाके के और नजदीक पहुंचता जा रहा है और अगले 12 घंटे के अंदर इसके भीषण रुप लेने की आशंका व्यक्त की जा रही है। जमशेदपुर में भी समुद्री चक्रवात ’हुदहुद‘ को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जिला उपायुक्त डा. अमिताभ कौशल ने इसकी भयावहता से लोगों को राहत दिलाने के लिये सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द करते हुए सभी को ’फील्ड‘ में रहने का आदेश दिया है। बताया गया कि उनकी रविवार से मंगलवार तक की सभी तरह के अवकाश रद्द कर दिया गया है। इस संबंध में डीसी ने गुरूवार को बैठक की तथा बाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीये सभी अंचलाधिकारी (सीओ) तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को यह जानकारी दी।
उन्होने रांची स्थित मौसम विभाग कार्यालय के निदेशक डॉ. बीएन मंडल ने बताया कि चक्रवातीय तूफान के मद्देनजर विभाग की ओर से हर पल की गतिविधियां पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि तूफान का केंद्र बिन्दु उड़ीसा व आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में होगा, लेकिन यदि इसमें कई भटकाव आता है, तो इसका असर पश्चिम बंगाल के अलावा बांग्लादेश में भी देखा जा सकता है। उन्होने बताया कि झारखंड में भी इस समुद्री तूफान क¨ लेकर खतरा हो सकता है,
लोगो से अपील की जाती है कि वे कच्चे दीवार व पेड़ के नीचे जाने से बचे और बारिश के दौरान बरते जाने वाले एहतियाती उपाय पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम रांची पहुंच गयी है और लगातार उनसे संपर्क कर आने वाले खतरे से निपटने की तैयारी को ¨ लेकर रणनीति बनायी जा रही है। रांची नगर-निगम की महापौर आशा लकड़ा ने भी कहा है कि निगम प्रशासन शहर में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से सामंजस्य स्थापित काम करेगा। उन्होने कहा कि इस दौरान किसी को कोई खास परेशानी न हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे है। इधर, आपदा से निबटने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फ¨र्स (एनडीआरएफ) की टीम के डिप्टी कमांडेंट अभय सिंह ने आज आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक रणनीति बनायी। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि झारखंड के मध्य और दक्षिणी हिस्से में 20 से 25 किमी की तरफ्तार से तेज हवा चलने और बारिश होने की उम्मीद है। एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की टीम राज्य के सात जिलो पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी, रांची, धनबाद और बोकारो में राहत व बचाव कार्य चलाने की रणनीति तैयार की है।
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