

,सवाददाता,गंढवा,12 सितबंर झारखंड के गढ़वा जिले स्थित एक आवासीय स्कूल में बच्चों को शराब पिलाने और अश्लील फिल्में दिखाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि स्कूल का चपरासी यह काम करता था। हालांकि, उसने आरोपों से इनकार किया है। उधर, मामला सामने आने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि यहां सभी शराब पीते हैं और यहां के बच्चे शराब पीकर ही पैदा हुए हैं। क्या है मामला? गढ़वा जिले के कुदरूम स्थित जनजातीय आवासीय स्कूल में बच्चों ने शिक्षकों पर खाना नहीं देने का आरोप लगाया था। वहीं, बच्चों पर छात्रावास अधीक्षक समेत अन्य शिक्षकों को बंधक बनाने का आरोप था। इस मामले की जांच के लिए जब पीयूसीएल की टीम पहुंची तो वहां स्थिति काफी खराब पाई गई। जांच में पता चला कि बच्चों को स्कूल में शराब पिलाई जाती है और अश्लील फिल्में दिखाई जाती हैं। जब जिला कल्याण पदाधिकारी जनार्दन राम से जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि छात्रावास का प्रभार चपरासी को दे दिया गया था। बच्चों ने चपरासी को बताया जिम्मेदार स्कूल के अधिकतर बच्चों ने शराब पिलाने और अश्लील फिल्म दिखाने के लिए चपरासी गनौरी महतो को जिम्मेदार ठहराया है। चपरासी ने किया इनकार गनौरी ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि वह निर्दोष है और उसे बेवजह मोहरा बनाया जा रहा है। प्रिंसिपल ने दिया विवादित बयान स्कूल के प्रिंसिपल गणेश सिंह मुंडा ने कहा कि गनौरी पर आरोप लगाना गलत है। वह सबसे छोटा कर्मचारी है, इसलिए लोग उसे फंसा रहे हैं। मुंडा ने कहा कि यहां के बच्चे शराब पीकर ही पैदा हुए हैं। यहां कौन शराब नहीं पीता। स्कूल के दो लोगों को छोड़कर यहां सभी शराब पीते हैं, चाहे वो विद्यार्थी हों या शिक्षक।