जमशेदपुर।
वीमेंस कॉलेज के शिक्षा संकाय में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर वेबिनार का आयोजन बुधवार को किया गया। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर मनाया जाने वाला यह दिवस वीमेंस कॉलेज में गंभीर चिंतन व विचार विमर्श के साथ संपन्न हुआ। केयू की पूर्व कुलपति सह वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर (डॉ.) शुक्ला महांती ने बतौर मुख्य वक्ता मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की शिक्षा दृष्टि और नई शिक्षा नीति के जुड़ाव के महत्वपूर्ण बिंदुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि मौलाना आजाद ने हमेशा शिक्षा और शिक्षा नीति को गतिशील प्रत्यय के रूप में देखा और कहा कि समय, समाज और परिस्थितियों के आधार पर शिक्षा और शिक्षण के तौर तरीकों में प्रासंगिक प्रावधान करने चाहिए। वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में इग्नू के रीजनल डायरेक्टर डाॅ. शुभकान्त मोहन्ती ने मौलाना अबुल कलाम को भारतीय की स्वतंत्र आधुनिक शिक्षा नीति के पथ प्रदर्शक के रूप में चिह्नित किया और कहा कि उनकी दृष्टि शिक्षा को एक होलिस्टिक एप्रोच देती है। दूसरे वक्ता को ऑपरेटिव काॅलेज के हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. विजय कुमार ने नई शिक्षा नीति के अंतर्विरोधों को सामने रखा और कहा कि शिक्षा और शिक्षा नीति की सफलता तभी है जब वह सबसे निचले पायदान के व्यक्ति की भी पहुँच में हो। शिक्षा को बाजार के हवाले नहीं छोड़ा जा सकता। राज्यों के स्थानीय संदर्भ और राष्ट्रीय समाकलन के प्रयासों में पारदर्शिता होनी चाहिए। कार्यक्रम का समन्वयन शिक्षा संकायाध्यक्ष डॉ. रमा सुब्रमण्यम ने किया। गूगल मीट ऐप्लीकेशन के माध्यम से करीब 100 प्रतिभागियों ने शिरकत की। तकनीकी समन्वयन का कार्य बी. विश्वनाथ राव, तपन कुमार मोदक, ज्योतिप्रकाश महांती और के. प्रभाकर राव ने किया।
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