
संवाददाता,जमशेदपुर,14 अगस्त
टाटा लीज के मामले को लेकर उपायुक्त कार्यलय के सभागार में संपन हुई इस बैठक में नये सिरे से टाटा लीज के मामले में फिर सें समीक्षा की गई। एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी की बैठक में अफसरों ने कंपनी से लीज आवंटन पर रिपोर्ट दाखिल करने का फैसला किया है। ।इसमें टाटा स्टील की ओर से कॉरपोरेट वीपी सुनील भास्करण ने भाग लिया।
बैठक में उपायुक्त डॉ. अमिताभ कौशल ने जानना चाहा कि भूमि सुधार राजस्व विभाग की ओर से 17 सितंबर 2012 को जारी आदेश के आलोक में कंपनी ने किस आधार पर 59 सबलीज दिया? और टाटा स्टील के किस स्तर के अधिकारी ने एनओसी जारी किया? इस पर एएमसी सदस्य सह टाटा स्टील कारपोरेट कम्युनिकेशन के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट सुनील भास्करन कंपनी की विधि पदाधिकारी मीना लाल ने आपत्ति जताई और कहा कि मामला झारखंड हाई कोर्ट में चल रहा है। ऐसी स्थिति में समीक्षा नहीं की जाए।
इस संबध में प्रभारी एडीसी सह डीडीसी लाल महतो ने कहा कि सबलीज से जुड़े मामलों की समीक्षा का प्रस्ताव एएमसी अध्यक्ष की ओर रखा गया था। इस मामले मे टाटा स्टील की ओर से इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज किया गया उनके ओर से कहा गया है कि मामला न्यायालय मेंविचार धीन है। लेकिन अध्यक्ष ने आपत्ति अस्वीकृत करते हुए सबलीज के हर मामले की समीक्षा कर रिपोर्ट देने को कहा है।
उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई एएमसी की बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव सुरेंद्र कुमार, प्रभारी एडीसी डा. लाल मोहन महतो, उपाध्यक्ष कॉरपोरेट सर्विसेज टाटा स्टील सुनील भास्करन, मुख्य विधि कॉरपोरेट सर्विसेज टाटा स्टील मीना लाल उपस्थित थे।
गौरतलब है कि टाटा सब लीज आवंटन में गड़बड़ी की भाजपा के वरीय नेता सरयू राय के अलावे सिंहभूम चैंबर ऑफ कार्मस की शिकायत सरकार से की गई थी और सरकार ने उसी मामले की जांच के लिए वर्ष 2008 में देवाशीष गुप्ता कमेटी ने बनाई थी। कमेटी ने अनुशंसा की है कि गलत तरीके से हुई लीज को रद कर इसकी नीलामी की जाए और लीज को नियमित करने के लिए इसे कैबिनेट से पास कराया जाए।