
श्रम कानून सुधार पर सेमिनार हुआ सम्पन्न
संवाददाता,जमशेदपुर,9 अगस्त।
चालीस पचास वर्ष पूराने श्रम कानून में बदलाव होनी चाहिये और महिलाओं को भी पुरुषो की तरह नाईट शिफ्ट में काम करने का अधिकार मिलनी चाहिये। ये बाते सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय ने झारखंड स्टेट बार कांउसिल और जिला बार एसोसिएषन के संयुक्त तत्वावधान में श्रम कानून में सुधार के परिपेक्ष में रास्ट्रीय सेमिनार के आयोजन में राजेन्द्र विद्यायलय के बिहार एसोसिएशन के सभागार में कही। उन्होने कहा कि पचास वर्ष पूराने श्रम कानून में कई प्रवाधान ऐसे है जिसका औचित्य नहीं रहा। श्रम कानून को जल्द से जल्द संशोधित किया जाना चाहिये। उन्होने कहा कि मेरी मंशा यह नहीं है कि कम्पनी का विकास नहीं हो,जब कम्पनी का विकास होगा,तभी कर्मचारी का विकास होगा।कम्पनीयां चाहती है अधिक से अधिक मुनाफा कमाना। कम्पनियां मुनाफा कमाये,लेकिन कर्मचारियों के हितों में कटोति कर नहीं। वे चाहते हैं कि कम्पनी और कर्मचारी के हीत सुरक्षित रहे। श्री मुखोपाध्याय ने कहाकि मेरा मानना है कि महिलाये पुरुषो की समान अधिकार का दर्ज मांगती हैं उनको वह दर्ज मिला भी हैं वे अनेक स्थानों में रात्री समय में काम करती है। इस लिये उनको कम्पनी में भी रात के समय काम करने का अजादी मिलनी चाहिये। इस सेमिनार का उदघाटन में सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय के साथ अनेक जजों ने दीप प्रज्वलित कर की। इस मौके पर झारखंड हाई कोर्ट के जज सह कोल्हान जोन के प्रभारी डी एन पटेल, झारखंड हाई कोर्ट के जज एच सी मिश्रा,डी एन उपाध्याय,आर आर प्रसाद,स्टेट बार कांउसिल के अध्यक्ष राजीव रंजन,स्टेट बार कांउसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ला,जिला जज अनंत विजय सिंह,जमशेदपुर बार एसोसिएषन के अध्यक्ष एन पी बनर्जी,सचिव अनिल तिवारी,कार्यकारणी सदस्य राजहंस तिवारी सहित न्याय विभग से जुडे सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।वहीं टाटा स्टील से आर एन मिश्रा, टाटा वर्कस युनियन के नेता,भारतीय मजदूर संघ के पवन कुमार सहित अनेकों लोगों ने श्रम कानून के बदलाव पर अपने विचार रखे।
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