(बी.जे.एन.एन. का असर )
विजय सिंह ,जमशेदपुर ,26 अप्रैल
झारखण्ड के मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह ने जमशेदपुर के आदित्यपुर आशियाना ट्रेड सेंटर स्थित औधोगिक सेफ्टी जाँच एजेंसी हैज़टेक इंडिया का अंततः योग्यता प्रमाण पत्र रद्ध कर दिया है. बी.जे.एन.एन ने सर्वप्रथम इस मामले की जांच कर दिसंबर २०१३ में रिपोर्ट प्रकाशित की थी .बी.जे.एन.एन. न्यूज़ की जाँच में पाया गया था कि हैज़टेक इंडिया जमशेदपुर के बड़े कंपनियों में सेफ्टी जांच का काम करती है परन्तु उसके दफ्तर में मौजूद प्रबंधक ने किसी सक्षम पदाधिकारी का नाम बताने में असमर्थता जताई थी.बार बार पूछने के बावजूद पदाधिकारी का नाम नहीं बता पाये थे..
दूसरी तरफ मुंबई स्थित भारत सरकार के सेफ्टी और श्रम मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि सेफ्टी योग्यता प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति को दिया जाता है जो इंजीनियरिंग पास हो और विभाग के नियमो को पूरा करता हो .किसी भी हालत में किसी संस्था को योग्यता प्रमाण नहीं दिया जाता है.
विगत दिनों टाटा स्टील में हुए गैस होल्डर काण्ड के बाद मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश कुमार सिंह ने जमशेदपुर की कई सेफ्टी एजेंसियों और टाटा स्टील के ४० अधिकारीयों का योग्यता रद्ध कर दिया था.जानकारी के अनुसार तब कंपनी के सेफ्टी जांच का काम हैज़टेक इंडिया को किसी “दबाव” में दिया गया था और अब तक कंपनी ने हैज़टेक इंडिया को ३० लाख से अधिक का भुगतान भी कर दिया है.
सवाल यह है कि बिना किसी सक्षम पदाधिकारी के टाटा स्टील ने हैज़टेक इंडिया को कंपनी में काम किसके दबाव में दिया और क्यों दिया? सूत्रों के मुताबिक हैज़टेक इंडिया को विभाग के ही कुछ बड़े लोगों का वरदहस्त प्राप्त है.
उल्लेखनीय है कि हैज़टेक इंडिया के मामले की जांच के लिए प्रमोद कुमार झा, कांग्रेस नेता कमलेश पाण्डेय और आर.टी आई कार्यकर्ता राजेंद्र राव ने राज्य के मुख्य मंत्री एवं निगरानी विभाग को पत्र लिख कर जांच की मांग की थी.
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