झारखंड के सबसे बड़े घोटाले मे अंधेरे मे तीर मार रही है झारखंड पुलिस

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संतोष अग्रवाल,जमशेदपुर,13 जून
9 माह बीत जाने के बाद भी जादुगोङा पुलिस ने कमल को पकङ पाने में सफल नही हो सकी है ।आखिर कहाँ है कमल सिंह एवं दीपक सिंह वर्तमान मे जादूगोड़ा के लोगो के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है लोगो का कहना है की पिछले 9 महीनो से कमल सिंह और दीपक सिंह 1500 करोड़ की ठगी कर फरार है लेकिन उनका कोई अता – पता नहीं चल रहा है पुलिस अभी तक दोनों भाइयों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है , जादूगोड़ा के लोग पुलिस की नियत पर ही सवाल उठा रहे है कि पुलिस के संरक्षण मे ही कमल सिंह का चिटफंड का धंधा फला – फुला और उसके कारोबार मे कई अधिकारी भी शामिल है जिसके कारण दोनों भाइयों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है ।
गौरतलब है कि झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिला के जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के धरमडीह निवाशी मुनमुन सिंह एवं राजमनी देवी के बेटे कमल सिंह एवं दीपक सिंह द्वारा चिटफंड कंपनी खोलकर लोगो से करीब 1500 करोड़ की ठगी कर ली गयी है और दोनों भाई 23 सितंबर 2013 से फरार है ।
इस महाठगी ने जादूगोड़ा के लोगो की कमर तोड़ दी है और करीब 200 से अधिक लोगो ने जादूगोड़ा थाना , अन्य थाना एवं न्यायालय मे मामला दर्ज़ कराया है । जादूगोड़ा थाना मे इस संबंध मे केस संख्या 61/13 दिनांक 25-09-2013 दर्ज़ है , लेकिन आज तक प्रशाशन के द्वारा कोई बड़ी कारवाई नहीं की गयी है ।
कमल सिंह और दीपक सिंह द्वारा चलाये जा रहे चिटफंड मे बहुत बड़ी संख्या मे एजेंट भी शामिल थे जिनमे से अधिकतर एजेंट आज भी फरार है ।
कौन है कमल सिंह और क्या है पूरा मामला —————–
यूसिल नरवा पहाड़ माइंस मे ब्लास्टर के पद पर कार्यरत कमल सिंह ने 2006 मे सिम बेचने का धंधा शुरु किया इसके बाद इसने कमेटी बनाकर चिटफंड चलाना शुरू किया जब इसका यह धंधा चलने लगा तो इसने एक नया धंधा शुरू किया और इसने लोगो से कहना शुरू कर दिया की मैंने राज्य से बाहर दिल्ली और मुंबई मे बड़ा कंपनी खोला है मेरे कंपनी मे निवेश करने पर एक लाख के बदले मासिक 5000 रुपैया प्रत्येक महिना मिलेगा जब इसका यह धंधा भी चलने लगा तो इसने एजेंट बनाना शुरू कर दिया और एजेंट को प्रत्येक महिना एक लाख मे 1000 कमीशन देने लगा उसका यह धंधा काफी जोरों से चला और लोग इसके झांसे मे आ गए और अपना पीएफ़ तोड़कर ,बैंक से लोन लेकर , घर जमीन , सोना गहना गिरवी रखकर भी कमल की कंपनी मे निवेश करने लगे इसी बीच 2011 मे राज केक नामक दुकान और 2012 मे कमल सिंह ने जादूगोड़ा मे राज रेस्टुरेंट नामक एसी रेस्टुरेंट खोला और इसके बाद 2013 मे इसने राज टावर नामक माल बनाया जिसमे एक ही छत के नीचे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स , रेस्टुरेंट , वेडिंग और कोन्फ्रेंस हाल बनाया था और इसके बाद 2013 मे ही इसने राज कॉम मोबाइल लांच किया जिससे इसकी कंपनी मे लोगो का विश्वास और बढ़ता चला गया और लोगो ने आँख बंदकर इसकी कंपनी मे निवेश किया इसी तरह सात साल मे इसकी कंपनी मे लगभग 1500 करोड़ रूपिये लोगो ने निवेश कर डाले ।
क्या क्या स्कीम चलाता था कमल सिंह …….
एक लाख मे प्रति माह 5000 रुपैया
एजेंट को एक लाख मे 1000 रुपैया अलग से प्रतिमाह ।
दस लाख से अधिक एक मुश्त इन्वेस्ट करने पर अलग से कमीशन ।
20 लाख के निवेश करने पर एक कार ।
मासिक योजना 1000 प्रतिमाह देने पर 24 महीने मे एकमुश्त 53000 रुपैया ।
और भी कई योजना चलाता था कमल सिंह ।
क्या-क्या और कहाँ – कहाँ कंपनी था कमल का ……..
राज केक एंड वेराइटी स्टोर ( जादूगोड़ा )
राज रेस्टुरेंट ( जादूगोड़ा )
राज टावर ( जादूगोड़ा )
राजकॉम मोबाइल ( जादूगोड़ा एवं मुंबई )
राज गनया मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ( मुंबई ) , राजगनया ग्रोसरी लिमिटेड ( मुंबई ) , राज होटेल्स प्राइवेट लिमिटेड ( मुंबई ) , राज कोश इनवेस्टमेंट कंपनी , राजकोष केपिटल मार्केटिंग लिमिटेड , एवं दर्जनो कंपनी इसने मुंबई एवं दिल्ली मे खोल रखे थे जिसका हेड ऑफिस वर्सोवा मुंबई था ।
इसी तरह इसने एक साम्राज्य खड़ा कर लिया था ।
कैसे डगमगाया कमल और दीपक सिंह का साम्राज्य ……………….
कमल सिंह मई 2013 से लोगो का पैसा वापस देना बंद कर दिया और लोगो से पैसा वापस करने के लिए आज-कल करने लगा । 30 जुलाई 2013 को पैसा अवापसी की मांग पर निवेशको ने इसके राज टावर पर जोरदार हंगामा किया जिसमे कमल ने 25 सितंबर को पैसे वापस करने की बात कह कर लोगो को मनाया इसके बाद 23 सितंबर की रात ही कमल और दीपक सिंह जादूगोड़ा से फरार हो गए निवेशको को इसकी जानकारी 24 सितंबर को हुई और निवेशको ने कमल सिंह के घर मे हंगामा करना सुरू कर दिया कमल के घर मे उसकी माँ राजमानी देवी और पिता मुनमुन सिंह मौजूद थे । हंगामा के बाद डीएसपी ने पहला एफ़आईआर 61/13 कमल सिंह पर रविंदर सिंह के ब्यान पर दर्ज़ किया जो धारा 419/420/467/406/468/471/120बी के अंतर्गत दर्ज़ किया गया इस एफ़आईआर मे कमल के अलावा दीपक सिंह उसके एजेंट रुद्र नारायण भकटत , सीदों पूर्ति , अजित पात्रो , वरुण सी , मिहिर मललिक , का नाम अंकित किया गया इसके बाद कमल सिंह पर एफ़आईआर की बाढ़ आ गयी और करीब 200 लोगो ने ठगी का मामला दर्ज़ करवाया जिसके बाद अन्य लोगो पर भी वारंट निकाला गया ।
कमल के पिता और माँ जेल मे ………..
कमल सिंह के पिता मुनमुन सिंह पर भी जादूगोड़ा निवाशी प्रकाश सिंह ने ठगी और चेक बाउंस का मामला दर्ज़ कराया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और वह अभी भी जेल मे है , एवं कमल की माँ राजमनी देवी पर भी चास निवाशी ने ठगी का मामला दर्ज़ कराया है और वो अभी चास जेल मे है ।
इस मामले मे जिनके ऊपर वारंट निकाला गया ………
कमल सिंह , दीपक सिंह , रुद्र नारायण भकटत , सीदों पूर्ति , अजित पात्रो , वरुण सी , मिहिर मललिक , विपुल भकत , रोमेन पाल , खगेन चन्द्र पाल , देवा नाथ , बबलू उर्फ प्रेमशंकर मिश्रा , संजित दास , धीरेन भक्त , नारायण मांझी , श्रीनिवास सिंह , महावीर काउंटियाँ , ओमप्रकाश सेनगुप्ता , आदि ।
क्यों उठा रहे है लोग पुलिस पर संरक्षण का आरोप ………..
जादूगोड़ा मे 30 जनवरी 2013 को पुलिस पब्लिक मीटिंग हुई थी जिसमे ग्रामीण एसपी राजीव रंजन भी मौजूद थे इस मीटिंग मे बड़ी संख्या मे लोगो ने कमल सिंह के चिटफंड मामले को बंद कर कारवाई की मांग की थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई कारवाई नहीं किया गया ।
कमल और उसका ग्रूप के फरार होने के 9 महीनो बाद भी पुलिस कमल और उसके ग्रूप के लोगो को नहीं खोज पायी ।
कमल मामले मे अभी तक कोई खुलासा पुलिस ने नहीं किया है , निवेशको का पैसा वापस करने मे प्रशाशन को कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई पड़ रही है ।

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