
संतोष अग्रवाल,जमशेदपुर, 06 मई
आए दिन यह सुनने और पढ़ने को मिल रहा है की स्कूल के बच्चो से कहीं पानी ढुलवाया जा रहा है तो कहीं बर्तन साफ करवाया जा रहा है तो कहीं चावल ढुलाया जा रहा है , राज्य मे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा करोड़ो खर्च किया जा रहा है , ‘वहीं कुछ शिक्षक ऐसे है जो सरकार के प्रयास मे पानी फेरने का काम कर रहे है वे बच्चो को पढ़ाई के बदले गाड़ी धोने , गाड़ी पोछने , बर्तन धोने का प्रशिक्षण दे रहे है ताकि बड़े होकर वे होटल और गैराज मे काम कर सके ।
कुछ ऐसा ही मामला मंगलवार को पोटका प्रखण्ड के पोटका पंचायत के प्राथमिक विद्यालय सरमदा मे देखने को मिला स्कूल के शिक्षक सपन कुमार मुंडा सुबह 8.30 बजे स्कूल के समय स्कूल के तीन – चार बच्चो से अपनी गाड़ी धुलवा रहे थे इस बाबत जब उनसे पूछा गया तो उन्होने बताया की मै गाड़ी खुद धो रहा था मे तो सिर्फ बच्चो से पानी ढुलवा रहा था ।
स्कूल के प्राधानायापक विभीषण थ्याल से जब इस संबंध मे पूछा गया तो उन्होने बताया की ऐसा कुछ नहीं है और सपन तो बहुत अच्छा शिक्षक है उसपर कोई कारवाई नहीं कर सकता हूँ ।
इस विषय मे पंचायत की मुखिया पानो सरदार ने बताया की स्कूल के शिक्षक सपन कुमार मुंडा को प्रधानायापक का समर्थन प्राप्त है और इसी कारण वे कभी स्कूल आते है कभी नहीं आते है और ज़्यादातर देर से स्कूल आते है इस संबंध मे ग्रामीणो द्वारा बैठक भी किया गया था जिसमे सपन मुंडा ने माफी मांगी थी और कहा था की आगे से ऐसा नहीं होगा लेकिन उनमे कोई सुधार नहीं हुआ है वे अपनी मनमर्ज़ी करते है ।
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