

सोनम कुमारी

दुमका।
सूबे की उपराजधानी दुमका के सदर अस्पताल में मरीजों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा खाना तो दिया जा रहा है लेकिन चोरी के डर से थाली नहीं दिया जा रहा। इसके लिए मरीजों को पत्तल खरीदकर बाहर से लाना पड़ रहा है। अस्पताल के बाहर पत्तल की बिक्री भी शुरू हो गयी है। प्रबंधन के इस रवैये से मरीजों व उसके परिजनों में खासा नाराजगी है। प्रबंधन द्वारा बताया गया कि बर्तन चोरी होने के डर से सदर अस्पताल के मरीजों को पत्तल में खाना दिया जा रहा है। दरअसल करीब पांच माह पहले मरीजों को
उनके लाए बर्तन में ही खाना दिया जाता था। मीडिया में बात आने के बाद जब स्वास्थ्य सचिव न अस्पताल का निरीक्षण किया तो वे यहां के हालात देखकर अवाक रह गए। तत्कालीन सिविल सर्जन योगेंद्र महतो के साथ अस्प्ताल प्रबंधक की जमकर क्लास ली और तत्काल बर्तन खरीदने के आदेश दिया। एक माह के बाद मरीजों के लिए डेढ़ सौ प्लेट, कटोरी व ग्लास की खरीद की गई। नए बर्तन में मरीजों को खाना परोसा जाने लगा। परन्तु धीरे-धीरे यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अब यह हालात है कि मरीजों को पत्तल में खाना दिया जाता है। जो लोग अपने बर्तन लेकर नहीं आते हैं उन्हें अस्पताल के बाहर एक रुपया में पत्तल खरीदनी पड़ती है। अस्पताल में अभी एक सौ के करीब मरीज हैं। दोनों समय में लोगों को कम से कम एक सौ पत्तल खरीदनी पड़ती है। जब दस करोड़ से बने उपराजधानी के अस्पताल की यह स्थिति होगी तो प्रखंड का अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या कहती है रसोईया
एक सौ बर्तन मिले थे, उसमें से 60 का पता नहीं चल रहा है जो मरीज एक बार ले जाता है वह वापस नहीं करता है। सभी के पास दौड़ना संभव नहीं है। चोरी के डर से ही मरीजों को उनके बर्तन में या फिर उनके द्वारा लायी गई पत्तल में खाना दिया जाता है।
आशा खोया, रसोइया, सदर अस्पताल
क्या कहते है उपाधीक्षक
पत्तल में खाना परोसने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो पता किया जाएगा। किसी भी हाल में मरीजों को सदर अस्पताल के बर्तन में ही खाना देना है। यदि बर्तन चोरी हो रहे हैं तो इसके लिए कोई ठोस उपाय किए जाएंगे।
डा. रामनरेश सिंह दिवाकर, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, दुमका
