देश ने देखा पहली बार

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रंग बदलते गिरगिट देखे, भेस बदलते हैं अय्यार,
बात बदलते गीदड़ देखे, जग में हमने पहली बार।

मोदी को वोट ना देना, जो कह रहे थे बारम्बार ,
मुश्लिम ने भी वोट दिया , कह रहे हैं पहली बार।

बेच दिया था देश जिन्होंने, मिटा दिए सारे संस्कार,
नैतिकता का ढोल बजाते, चिल्लाते देखा पहली बार।

राजनीति का खेल खेलते, जो नीति को बिसरा बैठे,
कूटनीति किसको कहते हैं, देख रहे हैं पहली बार।

जो जाति-धर्म से सत्ता पाते, क्षेत्रवाद का राग सुनाते,
जन-जन की सरकार देश में, पता चला है पहली बार।

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बीस प्रतिशत मुश्लिम होते, कुछ अगड़ो-पिछड़ों की दरकार,
सवा सौ करोड़ की सरकार बनी, दुनिया ने देखा पहली बार।

लूट-लूट कर धन देश का, छुपा रहे थे जो मक्कार,
मोदी की सरकार बनी है, सदमे में हैं पहली बार।

स्वयंभू कहते जो खुद को, दुनिया के जो ठेकेदार,
वो भी बैठे देख रहे हैं, राजतिलक को पहली बार।

सारी दुनिया शीश नवाती, सहयोग को हाथ बढ़ाती,
विश्व पटल पर चमक रहा, भारत का गौरव पहली बार।

हिंदी का परचम फहरायेगा, संयुक्त राष्ट्र के प्रांगण में,
गाय विश्व में माता होगी, संरक्षण होगा पहली बार।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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