चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त अनन्य मित्तल के अध्यक्षता तथा मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जुझार माझी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज़ अनवर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीषा कुजुर की मौजूदगी तथा सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सहित जिला एवं प्रखंड स्तरीय अन्य पदाधिकारियों, डाटा प्रबंधकों के साथ स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग का संयुक्त समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग के नीति आयोग के हेल्थ इंडिकेटर्स, परिवार कल्याण कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, मलेरिया उन्मूलन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा कोविड-19 टीकाकरण सहित समाज कल्याण विभाग अंतर्गत सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं एनीमिया मुक्त भारत से संबंधित प्रगति प्रतिवेदन का जायजा लिया गया।
बैठक उपरांत उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि आज के बैठक में जिला अंतर्गत बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल रखने के तदर्थ जिले के सिविल सर्जन, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को क्षेत्र में नियमित टीकाकरण एवं एएनसी कार्यों को समय पर पूरा करने हेतु निर्देशित किया गया है। बैठक के दौरान समीक्षा में पाया गया कि प्रखंड टोंटो, सोनुआ, मझगांव एवं मंझारी की उपलब्धि सभी इंडिकेटर में लक्ष्य के विरुद्ध बेहतर नहीं है जिस पर उक्त प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति की बैठक वह क्षेत्र में नियमित अनुश्रवण का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने बताया कि बैठक में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत प्राप्त सभी आवेदनों को त्वरित निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है। जिले में योजना के तहत 30,000 आवेदन अभी तक प्राप्त हुए हैं, जिनमें 10,000 आवेदन पर स्वीकृति प्रदान किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व योजना अंतर्गत करेक्शन क्यु को जल्द से जल्द ठीक करते हुए सभी योग्यताधारी को लाभ उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है।
आज की समीक्षा बैठक में उक्त के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, समर कार्यक्रम से संबंधित प्रगति प्रतिवेदन का भी जायजा लिया गया। इसके अलावा कुपोषण उपचार केंद्र में बेड अधिभोग की प्रगति को सुधारने, साथ ही सैम बच्चों के रेफरल को बढ़ाने हेतु भी निर्देशित किया गया। समीक्षा के दौरान एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को कार्यक्रम का निगरानी एवं कार्यक्रम की प्रगति पर प्रत्येक माह प्रखंड स्तर पर संलग्न पदाधिकारियों के सामंजस पर समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।
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