चाईबासा -रोजगार वहर खेत में पानी की व्यवस्था की जाने की मांग को लेकर झाजेकायु ने जगन्नाथपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष दिया एक दिवसीय धरना

प्रखंड विकास पदाधिकारी नें मौके पर ही मजदुरों को दी रोजगार और हर खेत में पानी पहूंचाने के लिए बनी योजना की दी जानकारी

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संतोष वर्मा

चाईबासा। हर खेत में पानी और स्थानिय मजदुर को रोजगार दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को झारखंड जेनेरल कामगार युनियन के बैनर तले युनियन के जिलाध्यक्ष मानसिंह तिरिया के नेतृत्व में जगन्नाथपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया।साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी को मुख्यंमत्री के नाम पांच सुत्री मांग पत्र सौंपा गया। आंदोलन कारियों के मांग पर प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार नें मौके पर ही धरने पर बैठे मजदुरों को त्वरित कार्रवाई करते हुए शौचालय निर्माण में कार्य करने के लिए रोजगार दिलाने का कार्य किया गया तथा हर खेत में पानी की मांग वाली योजना पर प्रखंड के द्वारा की जा रही कार्य योजना से अवगत कराया।बीडीओ के द्वारा मिले अश्वासन के बाद धरना पर बैठे सभी मजदुर घर वापस लौट गये।इधर युनियन के जिलाध्यक्ष मानसिंह तिरिया के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लिखे मांग पत्र में कहा है कि वर्तमान समय में कोविड 19 को देखते हुए लऑकडाउन में किसी प्रकार का रोजगार उपलब्ध नहीं होने से मजदुरों की स्थिति खराब होती जा रही है।सरकार द्वारा दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदुरों को रोजगार देने के नाम पर झुठा आश्वासन दिया गया।कहा गया की इस कोरोनाकाल में जगन्नाथपुर प्रखंड में देखा जा सकता है कि सरकारी भवन, शौचालय आदि कई सरकारी योजनाओं में कार्य हो रहा है लेकिन अधिकांश कार्य बाहरी मजदूरों मुर्शीदाबाद से लाकर कराया जा रहा है।जबकी स्थानीय मजदूर बेरोजगार है और ठेकेदार व मुखिया अपना कमीशन कमाने के लिए बाहरी मजदुरों से काम लेते है।

आंदोलन कारियों की ये रही मांग
जगन्नाथपुर प्रखंड में किसी भी सरकारी योजना मिट्टी में मशीन से न कराया जाए, प्रखंड के सभी गांव में मनरेगा के तहत सालोभर रोजगार दिया जाए एवं न्यूनतम मजदुरी दर 400 रूपया दिया जाए।रामतीर्थ, मोंगरा नदी एवं सभी नदी नाला को बंद कर पाईप लाईन के माध्यम से किसानों को सिचाई के लिए हर खेत मैं पहुंचाया जाए।दूसरे राज्यों से बस लाकर यहां के बेरोजगार आदिवासियों को प्रलोभन देकर रात को काम के लिए ले जा रहा है वैसे बसो को आने पर रोक लगाया जाए और मजदूरों का शोषण होने से बचाया जाए साथ ही साथ आदिवासीयों का पलायन होने से बचाया जाए।मालुका स्थित आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र में स्थानिय मजदूरों से ना किम करा कर बाहरी मजदुरों से संवेदक द्वारा कार्य कराया जा रहे है जिस पर कार्रवाई करते हुए स्थानिय मजदूरों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाय।

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