
बीजेएनएन,जमशेदपुर,14 मार्च
वल्र्ड किडनी डे (विश्व गुर्दा दिवस) के अवसर पर ब्रह्मांनद नारायणा मल्टी स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल ने आज ’क्राॅनिक किडनी डिसीसेज’ और रोगियों व उनके परिवार के सदस्यों में इसकी जांच व इलाज पर विशिष्ट बातचीत सत्र आयोजित किया। सत्र में 40 से अधिक रोगियों और उनके परिवारों ने डायालिसिस के बाद जीवन में आए सुधार के अनुभव को साझा किया और हाॅस्पिटल के चिकित्सकों और विषेशज्ञों से बातचीत की। ब्रह्मानंद नारायणा मल्टी स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल के सलाहकार एवं फ्रोलाॅजिस्ट डाॅ. वहीद खान ने इस सत्र की अध्यक्षता की।
इस कार्यक्रम की शुरूआत डाॅ. वहीद खान द्वारा बातचीत से शुरू हुई, जिसमें उन्होंने भारत में क्राॅनिक किडनी डिसीसेज (सीकेडी) की व्यापकता और जीवन शैली में बदलाव लाने के महत्व पर बात की, जो इन बीमारियों को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं। उनके सत्र में उन्होंने डायलिसिस करा रहे रोगियों के पुनर्वास के महत्व के बारे में भी बात की, जिससे उन्हें आत्म विश्वास हासिल करने में मदद मिल सके। इस संबोधन के बाद बातचीत सत्र आयोजित किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने डायालिसिस के साथ बेहतर जीवन बिताने, बीमारी को बढ़ने से रोकने, आहार और भी अन्य मुद्दों पर रोगियों व उनकी देखभाल करने वालों के सवालों के जवाब दिए।
सत्र के दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए ब्रह्मानंद नारायणा मल्टी स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल के फैसिलिटी निदेशक विनीत सैनी ने कहा कि अस्वस्थ आहार, खराब जीवन शैली और मधुमेह जैसी बीमारियां ही रोगियों में क्राॅनिक किडनी डिसीसेज के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। सीकेडी एक गुर्दे के काम करने की क्षमता के घटने की स्थिति होती है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख स्वास्थ्य समस्या का दर्जा दिया गया है। हालांकि इसकी वजह, जोखिम कारक और सही इलाज के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है। इस सत्र के जरिये हमारा लक्ष्य संपूर्ण रूप से स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए गुर्दों के स्वास्थ्य का ध्यान रखनाहै।
विश्वगुर्दादिवस (डब्ल्यूकेडी) एक वैश्विक पहल है, जिसका लक्ष्य हमारे स्वास्थ्य को सही रखने के लिए गुर्दों की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जिससे गुर्दों की बीमारी और उनसे जुड़ी समस्याओं की दर घटाई जा सके। इस मोके पर डा. परवेज आलम सहित डाॅ. वहीद खान की पूरी टीम शामिल थी।