शांतनु चक्रवर्ती।
अस्सी-नब्बे के दशक में ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ और ‘तम्मा तम्मा’ गाकर युवाओं के चहेते बन चुके हिंदी पाप और राक शैली के मशहूर वालीवुड गायक बप्पी लाहिड़ी का बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में 69 साल की उम्र में निधन हो गया। बप्पी लाहिड़ी का जन्म; 27 नवम्बर को हुआ था। उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था। तीन साल की उम्र में ही उन्होंने तबला बजाना शुरू कर दिया था । उन्होंने पहला संगीत मात्र चौदह साल के उम्र में दिया। अस्सी-नब्बे के दशक में हर फिल्म में गाने के लिए वे निर्माताओं की पहली पसंद रहे। उन्हें पहचान साल 1975 में आई फिल्म ‘ज़ख्मी’ से मिली। बप्पी दा के गाए गीत ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े रहते है।
उनकी पहचान एक लोकप्रिय गायक और संगीतकार की थी। लहरी को पिछले साल कोविड संक्रमित होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। लेकिन उन्हें जल्दी ही डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी थीं। पिछले साल सितंबर में ख़बरें आईं थी कि बप्पी लहरी अपनी आवाज़ खो रहे हैं।
हालांकि बाद में उनकी तरफ़ से एक बयान आया और कहा कि यह झूठी ख़बर है। लेकिन बुधवार को आख़िरकार उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. बप्पी लहरी के परिवार में उनकी पत्नी, बेटे बप्पा लाहिड़ी और बेटी रमा लाहिड़ी हैं।
बप्पी लाहिड़ी पिछली रात अपने घर पर ही थे लेकिन सेहत ख़राब होने के बाद उन्हें जुहू के अस्पताल में भर्ती किया गया था। एक महीने से वह अस्पताल में भर्ती थे और सोमवार को ही उन्हें डॉक्टरों ने छुट्टी दी थी।
सोने के गहनोँ से लदे बप्पी लाहिरी के संगीत में अगर डिस्को की चमक-दमक नज़र आती थी तो उनके कुछ गाने सादगी और गंभीरता से परिपूर्ण भी होते थे । संगीत उन्हें विरासत में मिला था। बप्पी लहरी के पिताजी ने लता मंगेशकर के गाने में संगीत दिया,था। जबकि बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में उनकी मां पहली म्यूजिक डायरेक्टर थीं। बप्पी लहरी जी शुरूआती दिनों में बनारस घराने के पंडित शांता प्रसाद जी से तबला बजाना सीखा था।
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