जमशेदपुर-राजीव गांधी मेमोरियल फेस्टिवल आयोजकों को आखिर जमा करानी पड़ी लाइसेंस फीस खबर पर रेल प्रशासन ने की कार्यवाई

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मंडल रेल प्रबंधकआद्रा मंडल ने मामले की जांच के लिए गठित की जांच समिति

आद्रा मंडल के अनारा रेलवे स्टेशन परिसर में राजीव गांधी स्मारक मेले एवं क्रिकेट के आयोजन का मामला
आयोजकों ने जमा कराए 72 हजार रुपएऔर एक लाख जमा कराने पर ही हो पाएगा क्रिकेट का आयोजन

 

संतोष वर्माजमशेदपुर,31 जनवरी

एक सप्ताह पहले 22 जनवरी  की इसी वेबसाइट  पर दक्षिण पूर्व रेलवे, आद्रा मंडल के अनारा रेलवे स्टेशन के पास 15वें राजीव गांधी मेमोरियल यूथ फेस्टेवल के आयोजन से सम्बंधित खबर के प्रकाशन के तुरंत बाद रेल प्रशासन हरकत में आ गया. खबर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मंडल रेल प्रबंधक, आद्रा मंडल ने इसकी जांच समिति गठित कर दी. समिति की रिपोर्ट पर मेला आयोजकों से तुरंत 72 हजार रुपए बतौर लैंड लाइसेंस फीस जमाकरने को कहा गया, जो कि आयोजकों ने भी फौरन जमा करा दिया. इसके बावजूद रेल प्रशासन ने मेला आयोजकों से कहा है कि एक लाख रुपए की एडवांस लाइसेंस फीस जमा कराने के बाद ही मेला स्थल पर क्रिकेट का आयोजन करने की अनुमति दी जाएगी, अन्यथा क्रिकेट का आयोजन नहीं किया जा सकेगा.

उल्लेखनीय है कि कथित तौर पर एक मान्यताप्राप्त संगठन से जुड़े कुछ लोगों,जो खुद को उक्त संगठन की कल्याण एवं सांस्कृतिक शाखा से जुड़े होने का दावा करते हैं, द्वारा पिछले करीब 15 सालों से राजीव गांधी के नाम पर रेलवे लैंड पर मेला एवं क्रिकेट का आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन इस मेले और क्रिकेट के आयोजन की एवज में तथाकथित राजीव गांधी मेमोरियल यूथ फेस्टिवल कमेटी द्वारा रेलवे को आज तक एक भी रुपया लाइसेंस फीस के रूप में भुगतान नहीं किया जाता था. इससे रेलवे को अब तक लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है.

इस बात की लिखित शिकायत इस बार जहां दक्षिण पूर्व रेलवेमेंस कांग्रेस केमहासचिव प्रहलाद सिंह द्वारा दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को की गई, वहीं इसके अध्यक्ष पी. पी. श्रीवास्तव ने भी इस मामले की जांच को लेकरप्रधानमंत्री, पीएमओ, विजिलेंस और रेलमंत्री सुरेश प्रभु को लिखित शिकायतभेजी थी. इस मामले को लेकर जब  में विस्तृत खबर प्रकाशित हुई, तो एक तरफ रेल प्रशासन की नींद खुली, तो दूसरी तरफ मामले की जांच शुरू होने पर आयोजकों में भारी हड़कम्प मच गया.

 

इधर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंडल रेल प्रबंधक, आद्रा ने मामले कीगहराई से जांच कर मंडल के वरिष्ठ मंडल अभियंता एवं वरिष्ठ मंडल कार्मिकअधिकारी तथा एक अन्य ऐसे तीन अधिकारियों की समिति बनाकर उन्हें पूरे मामले की गहराई से जांच करने का आदेश दे दिया. समिति द्वारा जांच के बाद मेला आयोजकों से मेला लगाने के लिए सर्वप्रथम 72 हजार रुपए लैंड लाइसेंस फीस के तौर पर जमा कराने को कहा गया, जो कि आयोजकों ने और कोई चालबाजी न चलते देख फौरन जमा करा दिया. इसके साथ ही समिति ने मेले के लिए उपयोग होने वाली बिजली के लिए बिजली मीटर लगाए जाने का भी आदेश दिया है. जिससे जितनी भी बिजली मेले के लिए उपयोग की जाएगी, उसका भुगतान अब मीटर के हिसाब से आयोजकों को करना पड़ेगा.

 

इसके अलावा मंडल रेल प्रबंधक ने वरिष्ठ मंडल कार्मिक अघिकारी को इस मामले से सम्बंधित सभी फाइलें वरिष्ठ मंडल अभियंता को सौंपने का आदेश दिया है. ज्ञातव्य है कि यदि रेल प्रशासन द्वारा वर्ष 2001-02 में ही इस मामले पर उचित कदम उठाया गया होता, तो अब तक रेलवे को लाखों रुपए का नुकसान नहीं हुआ होता और यह लाखों रुपए रेलवे के खाते में बतौर राजस्व जमा हुए होते. आद्रा मंडल के अनारा रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे लैंड पर बिना किसी लाइसेंस फीस अदा किए ही विगत 15 वर्षों राजीव गांधी के नाम पर मेला और क्रिकेट का आयोजन करके तथाकथित राजीव गांधी मेमोरियल यूथ फेस्टिवल कमेटी द्वारा बकायदे एक दूकान चलाई जा रही है.

बताते हैं कि अब पिछले 14 वर्षों की बकाया लैंड फीस, बिजली बिल, पानी बिल आदि सहित तमाम सरकारी टैक्स भी इस मेले के आयोजकों से वसूलने की तैयारी की जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ताओं ने रेल प्रशासन से मांग की है कि पिछले 14 वर्षों के बकाए की यह राशि मेला/क्रिकेट आयोजकों से फौरन वसूली जानी चाहिए. इससे रेलवे को लगभग 25लाख रुपए का त्वरित लाभ प्राप्त होगा. इसके लिए भी शिकायतकर्ताओं द्वारा महाप्रबंधक सहित पीएमओ और रेलमंत्री को पत्र भेजा गया है. सूत्रों का कहना है कि यह सारा गड़बड़-घोटाला मंडल के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत अथवा निष्क्रियता के कारण चल रहा था. जबकि अब मंडल रेल प्रशासन ने आयोजकों को स्पष्ट रूप से कहा है कि एक लाख रुपए एडवांस लाइसेंस फीस जमा कराने के बाद ही क्रिकेट के आयोजन की अनुमति दी जाएगी.

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