जमशेदपुर। कोविड संक्रमण महामारी के कारण जमशेदपुर की वार्षिक लघु फिल्म समारोह का ऑनलाइन दो दिवसीय शाॅट फिल्म फेस्टीवल 2020 का आयोजन किया गया। ऑनलाइन के माध्यम से अपने 13 वें वर्ष में शाॅट फिल्म फेस्टीवल ने प्रवेश किया, जिसमें कुल 15 फिल्में प्रदर्शित की गयी। इन पंद्रह फिल्मों में समाज और जनहित से जुड़ी महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। ई-फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन आठ और दूसरे दिन सात बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। दो दिनों में दिखायी गयी 15 फिल्मों में से अधिकांश फिल्मों को इंटरनेशनल एवं नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। दो पेशेवर फिल्म निर्माताओं सहित पेशेवर और शौकिया फिल्म निर्माताओं द्वारा बनाई गई थीं। तीन से पंद्रह मिनट के बीच की फिल्में अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली और एक अरबी भाषा में थीं, कुछ मूक फिल्में भी थीं। इन फिल्मों के निर्देशक जमशेदपुर समेत मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और धनबाद से हैं। इनमें से अधिकांश फिल्मों ने देश और विदेश में कई फिल्म समारोहों की यात्रा की है और विचार के लिए बहुत अधिक प्रषंसा प्रदान किया है। इस शार्ट फिल्म का आयोजन सेंटर फाॅर एक्सीलेंस जमशेदपुर तथा टेक 5 कम्यूनिकेशन कोलकाता के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस संबंध में टेक 5 कम्यूनिकेशन के प्रमुख एवं फिल्म डायरेक्टर तथागत भट्टाचार्जी एवं सेंटर फाॅर एक्सीलेंस प्रमुख मर्लिन एफ अंक्लेसरिया ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से बिष्टुपुर स्थित सेंटर फाॅर एक्सीलेंस में इसका आयोजन होते आ रहा हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण ऑनलाइन किया गया। शाॅट फिल्म फेस्टीवल कर रचनात्मक यात्रा को कोविड रोक नहीं सकी। इस साल अधिकांश फिल्म निर्माता नई फिल्मों के साथ तैयार नहीं थे। लेकिन अतीत के महत्वपूर्ण फिल्मों ने स्टील सिटी और देश- विदेश के फिल्म प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अगले साल फिर से पहले की तरह लघु फिल्म समारोह का बेहतर आयोजन होने की उम्मीद जतायी है। उन्होंने कहा कि शाॅट फिल्म फेस्टीवल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि जमशेदपुर के कई युवा और नवोदित फिल्म निर्माताओं को पूर्णकालिक पेशेवरों में बदल दिया। स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के अलावा, जमशेदपुर और देश के अन्य हिस्सों के कुछ स्कूलों और संस्थानों ने वर्षों में अपनी छात्र फिल्मों के साथ शाॅट फिल्म फेस्टीवल में भाग लिया। इस सबने जमशेदपुर में फिल्म निर्माण की गुणवत्ता को समृद्ध किया है जिससे स्वस्थ सिनेमा का सही वातावरण तैयार हुआ है।
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