जमशेदपुर -उद्यमी रतन सिंह कुंद्रा का निधन, पंचतत्व में विलीन

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जमशेदपुर। कोल्हान के सिख समाज की प्रमुख हस्ती उद्यमी सरदार रतन सिंह कुंद्रा का निधन शनिवार की सुबह हो गया और वह पंचतत्व में विलीन हो गए।खालसा क्लब के ट्रस्टी रामगढ़िया सभा के पूर्व ट्रस्टी एवं सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा बिस्टुपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सलाहकार सरदार रतन सिंह कुंद्रा को निमोनिया की शिकायत थी और उन्हें इलाज के लिए टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वहां जांच के क्रम में वे कोविड पॉजिटिव पाए गए। उन्हें पहले कोविड वार्ड तथा बाद में आईसीयू में भर्ती किया गया था। जहां शनिवार की सुबह तकरीबन पांच बजे अंतिम सांस ली और गुरपुरी अबचल नगर को सिधार गए।
उनके पार्थिव देह का स्वर्ण रेखा बर्निंग घाट में शाम सवा पांच बजे अंतिम संस्कार किया गया। उस दौरान बेटे गुरसिमरन सिंह कुंद्रा, उद्यमी दामाद भगवंत सिंह, रामगढ़िया सभा के प्रधान अमरदीप सिंह, सलाहकार मनदीप सिंह, सतनाम सिंह, नवजोत सिंह, रछपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
रतन सिंह कुंद्रा अपने पीछे बेटे गुरसिमरन सिंह कुंद्रा, भाई अवतार सिंह कुंद्रा एवं तीन बेटियां सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनकी एक बेटी जमशेदपुर, दूसरी जबलपुर तथा तीसरी कनाडा में ब्याही हुई है।
उनके निधन पर झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरुदेव सिंह राजा, तखत श्री हरिमंदिर साहब प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार इंदरजीत सिंह, खालसा क्लब एवं रामगढ़िया सभा के ट्रस्टी सरदार संता सिंह, झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह,साक् ची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार हरविंदर सिंह मंटू , खालसा क्लब के पूर्व प्रधान हरजीत सिंह विरदी, टेल्को गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान गुरमीत सिंह, बारीडीह गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जसपाल सिंह, झारखंड सिख विकास मंच के संयोजक सरदार गुरदीप सिंह पप्पू, रामगढ़िया सभा के प्रधान अमरजीत सिंह महासचिव सरदार केपीएस बंसल, खालसा क्लब के पूर्व प्रधान सरदार बलदेव सिंह, मांगो गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व चेयरमैन कुलविंदर सिंह पन्नू, खालसा क्लब के महासचिव नरेंद्र सिंह एवं कुलविंदर सिंह ने सरदार रतन सिंह कुंद्रा के निधन पर शोक जताते हुए इसे सिख समाज के लिए बड़ी क्षति बताया है। समाज के स्तंभ थे और मिलनसार थे। वाद विवाद से कोसों दूर रहने वाले रतन सिंह आपसी संबंधों की मजबूती पर जोर देते थे।

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