सुपौल – लिया हैदर ने अपने मासूम भाइयों के कलाई पर बांधी राखी , बर्षो से आलिया मना रही रक्षा बंधन का त्यौहार .

93
AD POST

लसुपौल। सोनू भगत
कहते हैं बाल मन की मासूमियत के आगे जात-पात, धर्म-मजहब सम्प्रदाय के दीवारों की बातें कोई मायने नहीं रखती।

AD POST

आज देश भर में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और संयोग ये भी कि आज ही के दिन भाई बहन के पावन रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन भी बहनों ने हर्षोल्लास से मनाया , रक्षा बंधन को लेकर गाँव से लेकर शहर तक कि बहनों में काफी उत्साह रहता है और भाई के कलाई पर राखी बांध भाई से रक्षा का वचन पाती है लिहाजा नजारा ही कुछ और होता है आधुनिकता के इस दौर में भले ही इसकी छाप शहरों में ज्यादा देखने को मिल रही है, पर गांव में भी बड़ी शिद्दत से बहना इस पर्व का इंतज़ार करती है, और जैसे जैसे दिन नजदीक आता है राखी के धागे को खरीदती है, मिठाई की व्यवस्था करती है। लगभग एक सप्ताह से इस पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है। जिन बहनों का भैया दूर शहर में रहता है,उन्हें डाक के माध्यम से राखी भेजती है।
गांव में आपसी प्रेम भाईचारे का ऐसा माहौल रहता है ,जहाँ न तो जात पात मायने रखती है और न पर्व त्योहार में भेद भाव, इसी परिवेश में पली बढ़ी आलिया हैदर भी बचपन से रक्षाबंधन पर्व की बहुत शौकीन हैं ।
दअरसल आलिया हैदर के दादा मो0 नईमुद्दीन कटहरा कदमपुरा पंचायत के वर्तमान मुखिया है,और पिताजी करण हैदर समाज सेवी है, जिसका असर बच्चो पर भी पड़ा है, सबके साथ उठना बैठना सामूहिक पर्व त्योहार मनाना आलिया के जन्मजात संस्कार में मिला है।
आज रक्षा बंधन के त्योहार के अवसर पर आलिया हैदर अपने मासूम दो भाइयों के कलाई पर राखी बांधी , ये सिलसिला बर्षो से चल रहा है परिवार वाले भी आलिया हैदर के भावना को स्वीकार कर उसे वो हर सामान लाकर देती जो रक्षा बंधन के लिए जरूरी होता है , राखी, मिठाई, दिपक ये तमाम चीजें आलिया ने मंगा कर भाईयों के कलाई पर राखी बांध अपना फर्ज पूरा किया .
आलिया के पिता करण हैदर ने बताया कि आलिया बर्षो से रक्षा बंधन का पर्व मनाती आ रही है इस बार भी आलिया हैदर बकरीद कि छुट्टी पर स्कूल से वापस अपने घर आयी और आज संयोग से रक्षा बंधन का त्यौहार भी था लिहाजा आलिया ने राखी सहित तमाम सामान मंगा कर घर में मौजूद दो भाइयों शाद अमान और शैद शकील को राखी बांधी , उन्होने कहा कि आलिया को रक्षा बंधन का त्यौहार याद रहता है वो हर बार भाई के कलाई पर राखी बांध कर ये पर्व मनाती है इसमे परिवार के सभी सदस्य सहयोग करते है।
कहानी भले ही समान्य हो पर आलिया हैदर की इस भावना को आज समझने की जरूरत है, आपसी भाईचारा ही सभ्य समाज और मानवता की पहचान होती है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More