श्री गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पर्व को समर्पित यात्रा के दीदार को उमड़ी संगत
जमशेदपुर: सिक्खों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पर्व को समर्पित कर्नाटक के बीदर से निकली प्रकाश पर्व यात्रा सोमवार को जमशेदपुर पहुंची. लौहनगरी में संगत ने प्रकाश पर्व यात्रा का स्वागत किया तथा हस्तलिखित श्री गुरु ग्रंथ साहब के दर्शन दीदार कर खुद को धन्य समझा.यह यात्रा गुरु नानक देव जी के सिद्धांत एवं संदेश का पूरे देश में घूम-घूम कर प्रचार प्रसार कर रही है. झारखंड बिहार के समन्वयक सरदार इंदरजीत सिंह एवं सरदार शैलेंद्र सिंह गुरदेव सिंह राजा ने संयुक्त रूप से बताया कि गुरु नानक देव जी ने समस्त मानव जाति को एक ईश्वर की संतान का संदेश दिया. उन्होंने धर्म और जाति के संकीर्ण बोध तथा जकड़न से समकालीन लोगों को मुक्त कराने की क्रांतिकारी पहल की.इंदरजीत सिंह के अनुसार गुरु नानक जी के तीन मूल सिद्धांत है जिन पर सिख ही नहीं वरण प्रत्येक इंसान को चलना चाहिए. गुरु नानक देव जी के तीन मूल सिद्धांत अर्थात पर एक परमेश्वर का नाम जपो, इमानदारी से कर्म करो तथा अपनी नेक कमाई से अर्जित आय को बांटकर भोजन ग्रहण करो.सोमवार को जब रांची से यह प्रकाश पर्व यात्रा शुरू हुई तो इसके साथ सरदार शैलेंद्र सिंह एवं झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा शामिल थे.
बुंडू में इस यात्रा का स्वागत तखत श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह एवं उनके सहयोगियों तथा पांच प्यारों ने किया. कोल्हान के तैयारी समिति के संयोजक एवं सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह एवं उनकी टीम भी पूरी तन्मयता के साथ लगी रही. पार्टी काली मंदिर चौक पर भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले भी अपने समर्थकों के साथ थे और उन्होंने यात्रा का स्वागत पंथिक मर्यादा के अनुसार किया. पूछे जाने पर सरदार अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि संगत महान है जिन्हें 550 में प्रकाश यात्रा देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उनके अनुसार गुरु नानक जी ने कहा है कि “हम नहीं चंगे बुरा नहीं कोई”, अर्थात हम खुद ही अच्छे नहीं हैं और दूसरे की बुराई खोजते हैं. इस जगत में प्रकृति सब कुछ अच्छा कर रही है हम सभी को अच्छा बनने की जरूरत है.मानगो को संत कुटिया गुरुद्वारा, मान को खुदीराम बोस चौक, गुरुद्वारा रोड, आदित्यपुर चौक गम्हरिया गुरुद्वारा, बिष्टुपुर गुरुद्वारा, रानी कुंदर गुरुद्वारा, कदमा गुरुद्वारा एवं सुनारी गुरुद्वारा होते हुए यह प्रकाश पर्व यात्रा साकची पहुंची और यही रात्रि विश्राम किया.इस प्रकाश पर्व यात्रा में सिखों के जीवंत गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हस्तलिखित बीड़ है. जिसका दर्शन सिख मत्था टेककर बड़े ही श्रद्धा के साथ कर रहे हैं.
विभिन्न चौक चौराहों में सिर ग्रंथ साहब जी को माला बैठकर एवं लड्डू प्रसाद अर्पित कर संगत के बीच बांटा गया.
शहर में इसके सफल आयोजन को हरविंदर सिंह मंटू दलबीर सिंह बलवीर सिंह बल्ली दलजीत सिंह तरनप्रीत सिंह बन्नी अजीत सिंह गंभीर आदि तन्मयता से लगे हुए थे.
कल मंगलवार को यह प्रकाश पर्व यात्रा गोल मोरी बारी डीटेल्ड को गोविंदपुर बर्मामाइंस जुगसलाई होते हुए साकची पहुंचेगी तथा परसों बुधवार को परसुडीह कीताडीह सुंदरनगर हाता मुसाबनी घाटशिला होते हूए खड़कपुर को कूच कर जाएगी
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