मंत्रिमंडल ने दक्षिण-पूर्व रेलवे पर नारायणगढ़ तथा भद्रक (155 किलोमीटर) के बीच तीसरी लाइन को मंजूरी दी
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने पश्चिम बंगाल में नारायणगढ और ओडिशा में भद्रक के बीच 155 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन के निर्माण को अपनी मंजूरी दे दी है। इस रेल लाइन का निर्माण 1,866.31 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और यह 2023-24 में बन कर तैयार हो जाएगी।
तीसरी लाइन के निर्माण से वर्तमान तथा अतिरिक्त यातायात से निपटने की क्षमता सृजन होगी। नारायणगढ़ और भद्रक के बीच व्यस्त सेक्शन का उपयोग इस्पात संयंत्रों को कोकिंग कोल भेजने और निर्यात के लिए चक्रधरपुर क्षेत्र से बंदरगाहों तक अयस्क ले जाने में होता है। इसलिए तीसरी लाइन कोयले की आवाजाही को आसान बनाने में मदद देगी। इससे इस्पात संयंत्रों, विद्युत संयंत्रों के साथ-साथ निर्यात उद्योग को मदद मिलेगी और ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल और संपूर्ण पूर्व भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।
तीसरी लाइन इस मार्ग पर भीड़भाड़ कम करने में सहायक होगी। नारायणगढ़-भद्रक सेक्शन हावड़ा-चेन्नई ट्रंक मार्ग का हिस्सा है। लाइन क्षमता स्थिति 2014-15 के अनुसार नारायणगढ़ और भद्रक के बीच सेक्शन का वर्तमान उपयोग (रखरखाव ब्लॉक के साथ) 138 प्रतिशत है। भारी माल यातायात के अतिरिक्त इस मार्ग पर ट्रेनों की 47 जोड़ियां चलती हैं। इन ट्रेनों में उच्च गति की भुवनेश्वर राजधानी, हावड़ा-यशवंतपुर, दुरंतो, हावड़ा-पुरी दुरंतो, सियालदह-पुरी दुरंतो, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस शामिल हैं। इससे भीड़भाड़ अधिक होती है।
इस परियोजना से निर्माण के दौरान लगभग 37.2 लाख मानव दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजन में मदद मिलेगी और अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार मिलेंगे।
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