बिहार में पत्रकार भय और आतंक के दौर से गुजरने को मजबूर:-श्री सुमन

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पटना।

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बिहार में लगातार हो रहे पत्रकार हमले पर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसियन बिहार के निवर्तमान प्रदेश संयुक्त सचिव संजय कुमार सुमन ने तीखी भर्तस्ना की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता या पत्रकार लोकतंत्र की आंख होती है। पत्रकार अपने कर्तव्य से बंधे होने के साथ सरकार व समाज के बीच केवल सेतु का ही काम नही करती बल्कि सरोकार के साथ सरकार के हर प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभाती रही है । लेकिन सरकार हमारी पीड़ाओं को लगातार अनदेखी करती रही है । लिहाजा आज पत्रकारिता का क्षेत्र काफी जटिल व संकट से घिर गया है । पत्रकार भय और आतंक के दौर से गुजरने को मजबूर हो रहें है । बिहार में लगातार हो रहे पत्रकार हमले इस बात के गवाह हैं। आंकड़ा बताते हैं कि आये दिन लगातार पत्रकार पर हमले किये जा रहें है और इस तरह के मामले बिहार में कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं । इस कार्य में असामाजिक तत्व के अलावे कुछ अधिकारी भी शामिल नजर आ रहे हैं जो काफी चिंता जनक है।
श्री सुमन ने कहा कि पत्रकारों पर लगातार हो रहे जानलेवा हमले चिन्ता जनक ही नही है बल्कि कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के अलावा बड़ी व गंभीर समस्याओं को दर्शा रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आईना है। लोग अपनी गुनाह को छुपाने के लिये लगातार पत्रकार पर हमले और हत्या की जा रही है। समाज के लोगों को समझने की जरूरत है। जब समाज की बात जनप्रतिनिधि और प्रशासन नहीं सुनता है।समाज के लोग दुःख और समस्या से घिर जाते है तब लोगो को पत्रकारों का सहारा लेना पड़ता है और पत्रकार उसे न्याय दिलाता है।समस्या को उजागर कर समस्या का निदान कराता है ।बावजूद इसके समाज पत्रकार के साथ मारपीट और उसकी हत्या तक कर देते हैं।ये अन्याय नहीं है तो और क्या है।समाज को पत्रकार का सम्मान किया जाना चाहिए।समाज के लोग इस बात को समझने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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