ब्रजेश भारती
सिमरी बख्तियार पुर(सहरसा) ।
बख्तियारपुर मौजा के एक जमाबंदी रजिस्टर टू में छेड़छाड़ का मामला आया सामने
हल्का कर्मचारी हेमंत सिह को तत्काल प्रभाव से हटाने का सीओ को दिया निर्देश
अनुमंडलाधिकारी सुमन प्रसाद साह ने गुरूवार को बख्तियारपुर बस्ती स्थित पुराने अंचल कचहरी पर छापेमारी किया। इस छापेमारी में अचलाधिकारी धमेन्द्र पंडित भी सामिल थे। एसडीओ ने सबसे पहले बख्तियारपुर मौजा के कई कागजात का सुक्ष्म से अवलोकन किया तो पाया की इस मौजा के एक जमाबंदी रजिस्टर में छेड़छाड़ किया गया है। इस रजिस्टर के जमाबंदी नं 415/4 के पुराने रैयत का नाम को छेड़छाड़ कर उस स्थान पर किसी रैयत का नाम चढ़ा दिया गया है। उक्त हरकत को एसडीओ ने वहा उपस्थित सभी अंचलकर्मियों को दिखाया तो साफ तौर पर जमाबंदी में छेड़छाड़ पाया गया। इस संबंध में जब जबाबदेह हल्का कर्मचारी हेमंत कुुमार सिंह से पुछा गया तो वे कोई संतोषजनक उत्तर नही दिया। एसडीओ ने बताया की अक्सर बख्तियारपुर मौजा के जमाबंदी में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी।
पुराने नगर पंचायत कार्यालय में होगा बख्तियारपुर हल्का का कार्य-
छापेमारी के बाद एसडीओ ने बख्तियारपुर हल्का का सभी कार्य पुराने नगर पंचायत कार्यालय में निष्पादित करने का निर्देश दिया गया साथ ही इस हल्का का सभी कागजात को अपने साथ ही ले गये।
हल्का कर्मचारी को हटाने का निर्देश –
एसडीओ श्री साह ने अंचलाधिकारी धमेन्द्र पंडित के निर्देश दिया की तत्काल हल्का कर्मचारी हेमंत कुमार सिंह को बख्तियारपुर हल्का से हटा दिया जायेे। अगर रजिस्टर में छेड़छाड़ की बात सही पाई गई तो उस पर प्राथमिकी दर्ज करवाई जायेगी।
जिलाधिकारी को कार्यवाही से किया गया अवगत-
एसडीओ ने बताया की सभी किये गये कार्यवाही से जिलाधिकारी सहरसा को अवगत करा दिया गया है।
क्या कहते है सीओ –
अंचलाधिकारी धमेन्द्र पंडित से पुछे जाने पर बताया की सभी कागजातों की सुक्ष्म से जांच की जा रही है जो भी दोषी पाये जायेंगे उस पर कार्यवाही की जायेगी।
भू-माफियाओं में मचा हड़कंप, हो सकता है जमीन घोटाले का खुलाशा –
बख्तियारपुर मौजा में जमीन के आसमान छुते दाम ने समय के साथ यहा भूमाफियाओ का बोलबाला कायम कर दिया।ये लोग जैसे हुआ बड़ी रकम का खेल कर सरकारी जमीन को पहले निशाना बनाया। उसमें कामयाब हो जाने के बाद ये लोग निजी जमीन को कौड़ी के दाम में हेराफेड़ी कर उस जमीन को सोने से अधिक दाम में बेचकर मालामाल होते रहें। सुत्र बताते है की अगर सही रूप से एक दो साल के रजिस्ट्री जमीन व कागजात की जांच की जायेगी तो बड़ा जमीन घोटाला सामने आ सकता है।
तत्कालीन अंचलाधिकारी रासीद हुसैैन चर्चा में रहे थे – इस पर के एक अंचलाधिकारी रासीद हुसैन की चर्चा अब भी होती है जब जब जमीन से संबंधित किसी तरह की कार्यवाही होती है। उन्होने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में यहा के कई भूमाफियाओं को बील में रहने को मजबूर कर दिया था। पुराने अंचल कचहरी से दलालों की वर्षो पुरानी पैठ को उखाड़ फेंका था ।जैसा की अक्सर होता है भूमाफियाओ व सफेदपोश ने मिलकर उनका तबादला यहां से करा कर फिर अपनी राज कायम कर लिया।
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