रवि कुमार झा
जमशेदपुर।
जल्द ही चुनाव आयोग के झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा हो सकती है। वहीं चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इधर जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले जुगसलाई विधानसभा सीट का चुनाव रोचक होने जा रहा है क्योंकि यह सीट भाजपा गठबंधन के साथ लड़ती है तो यह सीट आजसू के खाते में जाएगी। लेकिन, अगर गठबंधन नहीं होता है तो भाजपा ने भी इस सीट के लिए तैयारी कर रखी है। फिलहाल इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंगल कालिंदी विधायक हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा करेगा मंगल पर भरोसा
वहीं इस बात की पूरी संभावना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बार भी चुनाव में एक बार फिर मंगल कालिंदी पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट देगा, क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी ने इंडिया गठबंधन के जमशेदपुर के प्रत्याशी समीर महंती के साथ मिलकर काफी मेहनत की थी। समीर महंती को जीत दिलाने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दिया था। फिर भी समीर हार गए।
वैसे पूर्व मंत्री दुलाल भुइंया भी अपने बेटे बिप्लब भुइंया को टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन दुलाल भुइंया की झारखंड मुक्ति मोर्चा में पहले जैसी पकड़ नहीं है। फिर भी वे अपने बेटे के लिए प्रयासरत हैं और जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कार्यक्रमों के जरिए सक्रिय भी हैं।
भाजपा से मुचीराम भी कर रहे मेहनत
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वैसे भारतीय जनता पार्टी से मुचीराम बाउरी भी प्रत्याशी की दौड़ में शामिल हैं। व्यवहारिक होने के कारण सभी लोग उन्हें पसंद करते हैं। दूसरे नंबर पर विमल बैठा भी हैं। वे इस विधानसभा में लगातार समाज सेवा से जुड़े हैं। वैसे हाल में भाजपा की जुगसलाई विधानसभा की बैठक में भाजपा के प्रतिपक्ष नेता अमर बाउरी ने कहा था कि इस सीट पर भाजपा दावा करेगी। हालांकि अभी तक गठबंधन नहीं होने के कारण इस सीट पर कहना मुश्किल है।
आजसू से रामचन्द्र सहिस है दावेदार
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वहीं आजसू इस बार भी रामचन्द्र सहिस पर दांव लगाएगी। पिछले चुनाव में हारने के बाद भी वे अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। अगर भाजपा के साथ आजसू का गठबंधन होता है तो आजसू ही इस सीट पर चुनाव लड़ेगी और प्रत्याशी रामचन्द्र सहिस होंगे।
मंत्री हारते रहे हैं इस सीट से
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जुगसलाई विधानसभा सीट पर झामुमो के मंगल कालिंदी ने कब्जा जमा लिया। मंगल ने यह सीट तत्कालीन झारखंड सरकार में पेयजल व स्वच्छता विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस छीनी। इससे पहले वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में
दुलाल भुइयां को मंत्री रहते उनके लिए काम कर चुके बोड़ाम के मुचीडीह निवासी कार्यकर्ता व (आजसू) प्रत्याशी रामचंद्र सहिस ने हराया था। इस चुनाव में दुलाल भुइयां तीसरे पायदान पर रहे। आजसू प्रत्याशी रामचंद्र सहिस को जहां कुल 42810 मत मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी राखी राय 39328 मत प्राप्त कर दूसरे नंबर पर रहीं। जबकि झामुमो प्रत्याशी दुलाल भुइयां को 35629 मत मिले।
1977 में बना था यह सीट
वर्ष 1977 में जुगसलाई को अलग विधानसभा सीट बनाया गया। उस समय कराए गए चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी कार्तिक कुमार विजेता बने। इसके बाद 1980 में तुलसी रजक (सीबीआई) तथा 1985 में त्रिलोचन कालिंदी (कांग्रेस) यहां से विधायक बने। वर्ष 1990 में मंगल राम ने (झामुमो) पहली बार जुगसलाई सीट पर कब्जा जमाया। इसके बाद झामुमो लगातार चार बार इस सीट पर कब्जा बनाए रखा। इनमें दुलाल भुइयां अकेले विधायक हैं जिन्होंने हैट्रिक जमाने में कामयाबी पाई। दुलाल पहली बार 1995 में जीते। इसके बाद लगातार 2000, 2005 में जीत दर्ज की। उसके बाद आजसू के रामचंद्र सहित 2009 और 2014 में यहां से विधायक बने। इसके बाद 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से मंगल कालिंदी विधायक बने।
जुगसलाई विधानसभा से अब तक बने विधायक
सन विधायक पार्टी
1977 कार्तिक कुमार जनता पार्टी
1980 तुलसी रजक सीपीआई
1985 त्रिलोचन कालिंदी कांग्रेस
1990 मंगल राम झामुमो
1995 दुलाल भुइयां झामुमो
2000 दुलाल भुइयां झामुमो
2005 दुलाल भुइयां झामुमो
2009 रामचंद्र सहिस आजसू
2014 रामचंद्र सहिस आजसूं
2019 मंगल कांलिदी ,झारखंड मूक्ती मोर्चा
जुगसलाई विधानसभा का भौगोलिक परिदृश्य
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जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र का आधा से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण और बाकी हिस्से शहरी क्षेत्र में आते हैं।इस विधानसभा में खासकर गर्मी के दिनों में पानी की समस्या काफी रहती है। इसको लेकर लोगों को काफी परेशानी होती है।जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का अभी तक धरातल पर नहीं उतरना सवाल खड़ा करता है। इसके अलावे कई जगहों पर सड़कों की स्थिति काफी खराब है।
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