अजय,मधुबनी,

मैथिली रंगकर्म एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में लंबे समय से कार्य कर रही दिल्ली की संस्था मैथिली लोक रंग यानी मेलोरंग मधुबनी में तीन दिवसीय मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन 1 से 3 मई तक करने जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मेलोरंग के निर्देशक प्रकाश झा ने प्रेस संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस महोत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रलय भारत सरकार के सहयोग से किया जाएगा। जिसका उद्घाटन डा.ओम प्रकाश भारती निदेशक पूर्वी क्षेत्रीय संस्कृति केन्द्र कोलकाता करेंगे। महोत्सव में प्रथम संध्या रामेश्वर प्रेम लिखित नाटक जल डमरू बाजे का मैथिली रूपान्तरण प्रकाश झा के निर्देशन में मंचित किया जाएगा। दो मई को महेन्द्र मलंगिया लिखित देह पर कोठी खसा दिए का मंचन मुकेश झा के निर्देशन में और राजकमल चौधरी लिखित मैथिली नारि : चारि रंग का मंचन देवेन्द्र राज अंकुर के निर्देशन में होगा। महोत्सव के अंतिम दिन तीन मई को फॉस निर्देशन श्याम साहनी तथा रोमियो जूलियट पर आधारित मैथिली नाटक चान चकोर प्रकाश झा के निर्देशन में होगा। महोत्सव के प्रबंधक मुकेश झा और मेलोरंग के अध्यक्ष महेन्द्र मलंगिया ने कहा कि दिल्ली से आकर एक नए स्थान पर लगातार पांच नाटकों का मंचन मिथिलांचल के लिए एक उपलब्धि होगी।मधुबनी, संस : मैथिली रंगकर्म एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में लंबे समय से कार्य कर रही दिल्ली की संस्था मैथिली लोक रंग यानी मेलोरंग मधुबनी में तीन दिवसीय मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन 1 से 3 मई तक करने जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मेलोरंग के निर्देशक प्रकाश झा ने प्रेस संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस महोत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रलय भारत सरकार के सहयोग से किया जाएगा। जिसका उद्घाटन डा.ओम प्रकाश भारती निदेशक पूर्वी क्षेत्रीय संस्कृति केन्द्र कोलकाता करेंगे। महोत्सव में प्रथम संध्या रामेश्वर प्रेम लिखित नाटक जल डमरू बाजे का मैथिली रूपान्तरण प्रकाश झा के निर्देशन में मंचित किया जाएगा। दो मई को महेन्द्र मलंगिया लिखित देह पर कोठी खसा दिए का मंचन मुकेश झा के निर्देशन में और राजकमल चौधरी लिखित मैथिली नारि : चारि रंग का मंचन देवेन्द्र राज अंकुर के निर्देशन में होगा। महोत्सव के अंतिम दिन तीन मई को फॉस निर्देशन श्याम साहनी तथा रोमियो जूलियट पर आधारित मैथिली नाटक चान चकोर प्रकाश झा के निर्देशन में होगा। महोत्सव के प्रबंधक मुकेश झा और मेलोरंग के अध्यक्ष महेन्द्र मलंगिया ने कहा कि दिल्ली से आकर एक नए स्थान पर लगातार पांच नाटकों का मंचन मिथिलांचल के लिए एक उपलब्धि होगी।