गया-शराब माफियाओं के नेटवर्क को करें ध्वस्त : डीएम

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गया। शराबबंदी को लेकर जिलाधिकारी कुमार रवि एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में शराबबंदी के संदर्भ में की जा रही अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि जनवरी 2017 के बाद शराबबंदी के खिलाफ कार्रवाई में काफी गिरावट आई है. आम लोगों एवं मीडिया में यह धारणा है कि शराब आसानी से लोगों को उपलब्ध हो रहा है और इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है. शहरी क्षेत्र में शराब के धंधे में तेजी आई है, विशेष कर गया नगर के डेल्हा, रामपुर, चंदौती में शराब मिलने की काफी शिकायतें मिल रही हैं. यहां तक कहा जा रहा है व्यवस्था के तहत एसी गाड़ियों में पीने—पिलाने की व्यवस्था की जा रही है, शराब की होम डिलीवरी होने की बात कही जा रही है. आखिर किस तरह शहरी क्षेत्र एवं जिले के अन्य क्षेत्रों में शराब पहुंच रही है. इसका अर्थ यही है कि आने-जाने के मार्ग में जांच नहीं की जा रही है.

डीएम ने बैठक के दौरान साफ तौर पर पूछा कि व्यवस्थित एवं बड़े स्तर पर इस तरह से बेखौफ शराब के कारोबार में कौन फाइनांसर है? किंगपिन कौन है? होम डिलीवरी का मास्टर माइंड कौन है? भंडारण कहां किया जा रहा है. शराब के बड़े-बड़े खिलाड़ी एवं माफिया कौन-कौन हैं? इस दिशा में अब तक क्या ठोस कार्रवाई की जा रही है? उपरोक्त बिन्दुओं पर रिपोर्ट दें. इस पर सरकार का सख्त निर्देश है. सरकार की पहली प्राथमिकता शराबबंदी को सख्ती से लागू कराना है और इसके लिए सरकार काफी गंभीर है. एक सप्ताह के अंदर सभी थाना प्रभारी, अनुमंडल पदाधिकारी शहरी क्षेत्र में ठोस कार्रवाई करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्टॉक रखा जा रहा है. जिस घर में शराब बरामद हुआ है, निर्माण किया जा रहा है. अभी तक वैसे मकानों की जब्ती/सील करने की कार्रवाई ठोस तरीके से नहीं हुई है. पैंथर मोबाइल, पेट्रोलिंग पार्टी की मिलीभगत की शिकायतें मिल रही हैं. कुछ ही गाड़ियां पकडी जा रही हैं और अन्य को छोड़ा जा रहा है. भारत निर्मित विदेशी शराब की काफी बरामदगी हो रही है. इसे कौन फाइनांस कर रहा है, कौन व्यक्ति निवेश कर रहा है? कौन डिस्ट्रीब्यूटर है? सिर्फ एक या दो व्यक्ति की गिरफ्तारी या शराब की बरामदगी के बजाय मनी ट्रेल को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान की कार्रवाई होना जरूरी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि होली पर्व के अवसर पर अच्छी कार्रवाई की गई थी लेकिन रामनवमी के बाद काफी सुस्ती आई है. सख्त कार्रवाई करें, परिणाम दें. अन्यथा सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है कि जिस थाना क्षेत्र में ज्यादा शिकायत मिलेगी उस थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी जवाबदेह होंगे. कार्रवाई दिखनी चाहिए. एक सप्ताह में परिणाम मिलना चाहिए. 15 मई तक सभी थाना प्रभारी इस आशय का प्रमाण पत्र देंगे कि उनके क्षेत्र में शराब का निर्माण, भंडारण, अवैध व्यापार आदि नहीं हो रहा है. इसके बाद भी यदि ऐसे मामले पाये जाते हैं तो संबंधित थाना प्रभारी के विरूद्ध कठोर कानूनी एवं अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि आपको पूर्ण शराबबंदी कराने की जिम्मेवारी दी गई है. आपके लिए चुनौती है और आपकी ड्यूटी भी है. जिलाधिकारी ने कहा कि शराब के धंधे में लगे माफिया, किंगपिन यदि समझ रहे हैं कि कार्रवाई नहीं होगी तो वे मुगालते में रहेंगे. पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि ऐसी कार्रवाई करें कि किसी की हिम्मत नहीं हो, वे सोचें भी नहीं. प्रोएक्टिव होकर किंगपिन, माफिया ,मास्टमांइड पर कार्रवाई करें. पूरे नेटवर्क को तोड़ें, जड़ तक पहुंचें. जिला स्तर पर साप्ताहिक मॉनीटरिंग की जाएगी.

जिलाधिकारी ने पुलिस पदाधिकारियों को शराबबंदी अधिनियम के अंतर्गत कानूनी प्रावधानों के संबंध में कहा कि जिस घर से शराब बरामद होती है उस घर को सीलिंग की कार्रवाई करें. यदि निजी भूमि के नीचे शराब की बोतलें गड़ी पाई गईं तो उक्त भूमि को भी जब्त किया जाएगा. पुलिस निरीक्षक को मकान सील करने हेतु पूरी शक्ति प्रदान की गई है. अधिनियम की धारा 56, 57, 58, 59, 60, में मकान, वाहनों की जब्ती एवं अग्रेतर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. जब्त शराब का विनष्टीकरण जरूरी है.

क्षोभ व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि अब तक जब्त शराब को विनष्ट करने का प्रस्ताव किसी थाना से प्राप्त नहीं हुआ है. बड़े-बड़े जितने मामले हैं उनमें विनष्टिकरण का प्रस्ताव यथाशीघ्र दें. न्यायालय से चार मामलों में अनुमति प्राप्त हुई है, जिसका विनिष्टीकरण अगले दो-तीन दिनों में किया जाएगा. पूरे जिले में अब तक 438 वाहनों की जब्ती की गई है.

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