
नई दिल्ली। सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय अपने खिलाफ जारी गैर जमानती
वॉरंट रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं और इस बीच पुलिस
उनके घर जाकर खाली हाथ लौट आई। सहारा ने 4 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने
का आश्वासन दिया।

जस्टिस के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को सुब्रत रॉय
की गिरफ्तारी के लिये गैर जमानती वॉरंट जारी किया था क्योंकि निवेशकों का
20 हजार करोड़ नहीं लौटाने के कारण लंबित अवमानना के मामले में सहारा
प्रमुख न्यायिक आदेश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। सुब्रत रॉय ने
कोर्ट में पेश नहीं होने के लिये बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने
बुधवार का आदेश वापस लेने का भी अनुरोध किया है जिसमें रॉय के खिलाफ गैर
जमानती वॉरंट जारी किया गया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करके 4 मार्च को
न्यायलाय में पेश करने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट ने सहारा प्रमुख की 92 वर्षीय मां की अस्वस्थता के आधार पर सुब्रत
रॉय को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने का अनुरोध ठुकरा दिया था।
रॉय की ओर से पेश सीनियर वकील राम जेठमलानी ने लखनऊ स्थित सहारा अस्पताल
का एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी पेश किया था जिसमें सहारा प्रमुख की मां की
मेडिकल स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने मानवीय और मेडिकल आधार पर मां
के पास ही रहने देने की सिफारिश की गई थी।