संवाददाता,जमशेदपुर,03 जनवरी
शहर के पुराने थियेटर आर्टिस्ट व ट्रेनर शिवलाल सागर ने राज्य सरकार के द्वारा दिए गए सम्मान पत्र को वापस करने की ख्वाहिश जाहिर की है और इसे लेकर शनिवार को उन्होंने उपायुक्त से भी मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ कई शहर के कलाकार भी थे.
शिवलाल सागर को रंगकर्म के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2007 में झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर राज्य सरकार के द्वारा सम्मानित किया गया था. उस वक्त उन्हें सरकार की दरियादिली पसंद आयी और ऐसा लगा कि सरकार को रंगकर्मियों की चिंता है और वह इस दिशा में कुछ काम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके बाद से उन्हें लगातार निराशा ही हाथ लगी.
शिवलाल सागर ने बताया कि रांची स्थित कला-संस्कृति विभाग द्वारा सिटी के रंगकर्मियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है. इसके अलावा राज्य में होने वाले किसी भी प्रोग्र्राम की जानकारी शहर के रंगकर्मियों को नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि करप्शन में लिप्त कुछ लोगों द्वारा कल्चरल प्रोग्र्राम का आनन-फानन में आयोजन कर पैसों की उगाही की जा रही है. इसके अलावा विभाग द्वारा सभी डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर को समय पर प्रोग्र्राम की सूचना ही नहीं दी जाती है.
शिवलाल सागर ने कहा कि जिला में आज तक डिस्ट्रिक्ट लेवल कल्चरल कमिटी का गठन नहीं हो सका है, जिस कारण यहां कला को बढ़ा ही नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने एक साफ-सुथरी स्टेट लेवल कमिटी बनाने की मांग की है. इसके अलावा स्टेट लेवल कमिटी में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर सेलेक्टेड प्रतिनिधि की भी भागीदारी इंश्योर करने की जरूरत बतायी गई है.
शिवलाल सागर ने कहा कि उन्होंने कई नेशनल व इंटरनेशनल लेवल के प्रोग्र्राम में डिस्ट्रिक्ट के साथ ही स्टेट का भी प्रतिनिधित्व किया है. इसके बावजूद उनके साथ ही दूसरे सीनियर आर्टिस्ट्स को प्रोग्र्राम की सूचना तक नहीं दी जाती. वर्ष 2007 में कोल्हान से केवल उन्हें ही सम्मान मिला था. इसके बाद डिस्ट्रिक्ट के एक भी आर्टिस्टि को सम्मान मिलना तो दूर की बात, उन्हें प्रोग्र्राम की सूचना तक नहीं दी जाती.
शिवलाल सागर ने कहा कि जब राज्य सरकार को रंगकर्मियों की चिंता ही नहीं है तो उससे सम्मान लेने का क्या मतलब रह जाता है. ऐसे में सैटरडे को वे अपने साथी रंगकर्मियों को साथ डीसी ऑफिस पहुंचे व सम्मान वापस लौटाने की पेशकश की. इसपर डीसी ने उनसे लेटर ले लिया व कहा कि सम्मान को संबंधित विभाग में ही लौटाया जा सकता है. शिवलाल सागर ने कहा कि अब वे कला व संस्कृति विभाग को ही सम्मान वापस करेंगे.
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