
जमशेदपुर
टाटा वर्कर्स यूनियन में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बनती जा रही है। सोमवार सुबह करीब दस बजे यूनियन कार्यालय में सत्तापक्ष के समर्थक कमेटी मेंबरों ने विपक्ष के खिलाफ जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। आमसभा में शामिल होने के लिए रिलीव किए गए कमेटी मेंबर श्रमायुक्त की ओर से दिए गए स्थगन आदेश की सत्यता जानने के लिए बिष्टुपुर स्थिति यूनियन कार्यालय पहुंचे। कमेटी मेंबरों ने यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महासचिव बीके डिंडा, उपाध्यक्ष शहनवाज आलम तथा सहायक सचिव आरके सिंह से मुलाकात कर पूरे प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। महासचिव ने श्रमायुक्त की ओर से जारी किए गए आदेश को पढ़कर सुनाया। इसमें कहा गया है कि विपक्ष ने शिकायत दर्ज कराई है कि वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 मार्च 2014 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में एजीएम के जरिए संविधान संशोधन गैर वाजिब है। पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद कमेटी मेंबरों ने पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कहा गया कि महज डेढ़ साल में चुनाव की मांग करने वाले रघुनाथ पांडेय का कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अपने दो बार की कार्यकारिणी में चुनाव कब कराया? यह भी याद कर लेना चाहिए? इसके अलावा जुस्को का चुनाव में नियमावली की याद क्यों नहीं आई? विपक्षी खेमे को राजनीतिक मात देने के लिए सत्तापक्ष का एक खेमा समय पूर्व चुनाव की घोषणा करने का दावा भी खेलने के पक्ष में है। हालांकि अब तक इस पर किसी भी स्तर से आम सहमति नहीं बनी है। टीडब्ल्यूयू की आमसभा सोमवार की शाम तीन बजे होने वाली थी लेकिन इस पर श्रमायुक्त ने स्थगन आदेश जारी कर दिया। लिहाजा एजीएम की प्रक्रिया तो रूक गई लेकिन चुनाव के मुद्दे पर चर्चा के लिए यूनियन नेतृत्व ने आगामी 27 फरवरी को कमेटी मीटिंग जरूर बुला ली है। सोमवार को दोपहर बाद कंपनी प्रबंधन ने रिलीव का निर्णय वापस ले लिया था।
सोमवार को अध्यक्ष एवं महासचिव से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में कमेटी मेंबर बीबी सिंह, भगवान सिंह, नितेश राज, जोगिन्दर सिंह जोगी, अमरनाथ ठाकुर सहित करीब 100 की संख्या में कमेटी मेंबर शामिल रहे।
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