संवाददाता


जमशेदपुरः केंद्रीय रसायन खाद एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि 86 बस्तियां ही क्यों 119 बस्तियों के मालिकाना हक की बात करे राज्य सरकार. श्री कुमार बुधवार को यहां परिसदन में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में पूछे गये एक सवाल के जबाव में कही. वे यहां भाजपा के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बताने के लिए आये हुए थे. श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए वह केंद्र सरकार से 119 बस्तियों के मालिकाना कह के लिए आवाज उठाये. इस मामले को लेकर वे राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष ब्लू प्रिंट प्रस्तुत कर चुके हैं. वे चाहते हैं कि झारखंड के विकास के लिए एक शिखर वार्ता का आयोजन करें. रांची में यह कार्यक्रम हो, जिसमें सारे केंद्रीय मंत्री भाग लें. श्री कुमार ने यह भी कहा कि जमशेदपुर का महत्व किसी सूरत में रांची कम नहीं है. इसलिए शिखर सम्मेलनत में जमशेदपुर डवलपमेंट डायलॉग हो, ताकि इसका सर्वांगीण विकास हो सके. बस्तियों के मालिकाना हक जो मामला है, उसका भी स्थायी समाधान हो सके. श्री कुमार ने यह भी बताया कि वे स्वयं पहल करके केंद्र सारे मंत्रियों से झारखंड के विकास के लिए सहयोग करने की बात करेंगे. उनका था कि आनेवाले दस वर्षों में दो सौ मिलियन टन स्टील का उत्पादन भारत में होगा. इसमें जमशेदपुर का अहम योगदान होगा.
15 हजार करोड़ मिट्टी टेस्ट के लिए स्वीकृत
अनंत कुमार ने बताया कि मोदी सरकार उद्योग से ज्यादा किसानों पर अधिक ध्यान दे रही है. यही कारण है कि देश में किसानों उसके खेतों की मिट्टी के अनुरूप फसल उपजाने के लिए मिट्टी टेस्ट करा रही है. इस पर सरकार 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान बनाया है. मोदी सरकार गांवों की गरीबी मिटाने के लिए अनेकों प्रयास कर रही है. उपजाऊ जमीन को पानी, बिजली, खाद, बीज आदि मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होंगे, तब तक देश खुशहाल नहीं हो सकता है.
मोदी के दौरे से सात लाख करोड़ का निवेश होने जा रहा है
राज्य मंत्री ने ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से सात लाख करोड़ का निवेश देश में होने जा रहा है, जिससे यहां के दस लाख युवाओं को रोजगार सीधे तौर पर मिलेगा. श्री कुमार ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विदेश दौरा 18बार किया था, लेकिन भारत में कोई बड़ा निवेश नहीं हो सका, बल्कि दस लाख करोड़ का घोटाला जरूर हो गया. यह हम नहीं कह रहे है, यह तो सीएजी की रिपोर्ट है. श्री कुमार ने यह भी कहा कि डॉ मनमोहन सिंह की सरकार छुपनेवाली सरकार थी, जबकि मोदी सरकार जनता के साथ ऑन लाइन सातों दिन चौबीसों घंटे जनता से संवाद करनेवाली सरकार है.
अगले चार सालों तक खाद की कीमतों में वृद्धि नहीं होगी
श्री कुमार ने कहा कि अगले चार सालों तक खाद व उर्वरकों के दामों में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होगी. सिंदरी का खाद का कारखाना फिर से चालू होने जा रही है.यहां वर्ल्ड क्लास यूरिया का उत्पादन होगा, जिसमें साढ़े तीन हजार लोगों का रोजगार मिलेगा, जिससे प्रदेश के किसान बिहार, बंगाल व ओड़िशा को सस्ते दर यूरिया मिलेगा. दस साल में यूपीए सरकार ने एक ग्राम भी यूरिया का उत्पादन नहीं किया, जबकि मेक इन इंडिया के तहत गोरखपुर, बरौनी, कल्चर समेत आंध्र में खाद कारखाना शुरू किया जा रहा है. यह कंपनियां तीन से चार साल में शुरू हो जायेगी. इन कंपनियो में भारत सरकार चालीस हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है. देश को प्रति वर्ष 310 लाख टन यूरिया की जरूरत है. वर्तमान में 230 लाख टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है. करीब 80 लाख टन का आयात हो रहा है. इन कंपनियों के शुरू हो जाने से 73 लाख टन यूरिया का उत्पादन हो सकेगा, जिससे भारत यूरिया निर्यातक देश रहेगा. इस मौके पर सांसद विद्युत वरण महतो, अमरप्रीत काले, नंदजी प्रसाद आदि मौजूद थे.