सीवान ।
पुलिस और दबंगों की मिलीभगत जगजाहिर है।परंतु इस बेमेल गठबंधन में एक महिला वह भी विधवा अपनी युवा पुत्री के साथ देर रात तक थाने में बैठने को मजबूर हो जाये तो प्रश्न उठना लाजिमी है।वह भी तब जब कि सुप्रीम कोर्ट का यह स्पष्ट रेगुलेशन है कि महिला को देर रात तक आप थाने में नहीं रख सकते हैं।परंतु दुरौंधा पुलिस को इन सबसे इन सबसे बेपरवाह है।
जहाँ एक विधवा विगत तीन दिनों से थाना का चक्कर काट रही है।विधवा अपनी जवान बेटी व बच्चो के साथ रोज सुबह इस आस में आती है कि उसे न्याय मिल जायेगा मगर सुबह की आयी महिला देर रात तक बैठी रह जाती है फिर भी उसे न्याय नहीं मिल पाता।पुलिस दबंगों के प्रभाव में आकर मैनेज हो जाती है।
दरअसल मामला ये है कि दारौंदा थाना क्षेत्र के हड़सर गांव की विधवा आशा कार्यकर्ता सुनीला देवी विगत तीन दिनों से थाना का चक्कर लगा रही है।मगर ना तो उसका एफआईआर दर्ज हो रहा है और न ही उसको सुरक्षा मिल रहा है।दबंग पट्टीदार उसके मकान को तोड़कर अपना कब्जा जमा लिए हैं।फ़िलहाल विधवा सुनीला पुलिस की लापरवाह रवैये के कारण बेघर होकर, अपनी जवान बेटी व् बच्चों के संग दर दर की ठोकरें खा रही हैं। जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रात करीब 8 बजे दुरौंधा थाना पहुंचती है तो इस थाने में न अधिकारी को पाती है और ना ही इस महिला की सुध लेने वाला कोई हवलदार। थाने में सिवाय एक मुंशी के कोई नहीं पाया जाता है। जो कि कुछ भी कहने से इंकार कर देता है। वही महिला अपनी आप- बीती बता कर रोने लगती है।
वहीं दुरौंधा बाजार वासियों में अंदरखाने यह चर्चा है कि आखिर एक औरत को देर रात तक तीन दिनों से क्यों बैठाए रखा जा रहा है ? आखिर ये सुशासन का कौन सा लक्षण है।
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