सुदेश कुमार
सरायकेला(चांडिल)।25 जुलाई
बिगत चार दिनां से लगतार मुसलाधार बारिश से चांडिल डैम का जल स्तर बढ़ा । ईचागढ़ के दर्जनो गांवों में डैम का पानी घुसा । डैम का पानी गांव घुसने से विस्थापित गांव के लोग अपने घर की समाग्री व परिवार के साथ सुरक्षित जगहों में पलायन कर रहे है. सोमवार से ही लगातार वारिस के कारण डैम का पानी ईचागढ़, पातकुम, बाक्साई, मैसाढ़ा, लेप्सोडीह, गाढ़ाडीह, बांदु, काली चामदा, बाबु चामदा, दुलमी, ओड़िया, आंडा, दयापुर, सालबनी आदि कई विस्थापित गांव में पानी घुस गया है।. ईचागढ़ से लगभग तीन दर्जन विस्थापित पलायन कर चुके है. मंगलवार को ईचागढ़ गांव से सैकड़ो लोग अपने अपने परिवार के साथ आवश्यक समान को ट्रेक्टर, साईकिल आदि से लाद कर घर से बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे है ।. विस्थातिप परिवार ईचागढ़ पातकुम पुल पर तंबु के सहारे शरण लिए हुए है. ईचागढ़ के प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने चाण्डिल अनुमण्डल पदाधिकारी एवं विभाग के पदाधिकारी शाम पांच बजे ईचागढ़ पहुंचे. सोमवार कि आधी रात से ही ईचागढ़ समेत अन्य गांव मे भी डैम का पानी घुस गया जिससे लोग किसी तरह रात के अंधेरे मे घर से निकलकर अपनी जान बचायी.
पातकुम पुल को बनाया अशियाना तो कई सरकारी स्कुलो को
चांडिल डैम का जल स्तर 182.50 पहुंचने पर कई विस्थापित गांव के परिवार के लोग चांडिल डैम का पानी से प्रभावित हुए है. विस्थापितो का घर जल मग्न होने के बाद दर्जर्नो विस्थापित परिवार पातकुम ब्रिज, पातकुम सामुदायिक भवन, सरकारी स्कुल, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि जगह में अशियाना वनाये हुये है.
ये ये गांव लोग है प्रभावित
ईचागढ़ के कालिचामदा, बाबु चामदा, मैसाड़ा, बाकसाई, लेपसेडीह, डीयाडीह, पातकुम, ईचागढ़, हरिजन बस्ती, कुजवन, कुकड़ू के ओड़िया, दुलमी, दयापुर, नीमटांड़ आदि विस्थापित गांव में डैम का पानी से प्रभावित हुए है.
बाढ़ पीड़ीत ब्रिज पर ही खाना बना रही है।
चांडिल डैम का पानी बढ़ जाने से ईचागढ़ बस्ती के कई परिवार बेघर हो गये है. विस्थापित ईचागढ पातकुम ब्रिज पर तंबु बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे है. महिलाए ब्रिज पर ही खाना बनाने कों विवश है.
जिस तरह का आपदा से बचने के लिए अनुमंडल प्रशासन ने आपदा की बैठक में बाते कही थी, ऐसा कुछ भी सहयोग प्रशासन की और से विस्थापितो को अबतक नहीं मिला.
पिंकी देवी जिप सदस्य ईचागढ़ :- गांव डुबने से पहले संपुर्ण मुआवजा का भुगतान करे. विस्थापितो गांव को जब सरकार डुबाना चाहता है तो क्यो नही पुर्ण भूगतान, नौकरी आदि कि व्यवस्था करें.विस्थापितो के साथ सरकार भेदभाव ना करे, विस्थापित नीति के तहत विस्थापित परिवारो को मुअवजा दे सरकार.
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