पोस्टमार्टम किये बगैर लाश का रफा-दफा, काफी जद्दोजहद के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई
पंकज आनंदम
समस्तीपुर ।
दलसिंहसराय थाना क्षेत्र से लगभग पाँच km की दूरी पर ससुराल वालों ने शुक्रवार की शाम बहु काजल को जलाकर मार दिया ।
और पुलिस बेखबर रही। मृतका के माँ समेत परिजनो के अहले सुबह थाना पहुँचने पर पुलिस घर मे सोयी रही, और परिजन चिलचिलाती धूप में थाना परिसर से सड़क तक मंडराते रहे।
दोपहर बाद थानाध्यक्ष घर से निकले तो परिजनों ने उन्हें घेर कर अपनी फरियाद सुनाई।
फरियाद सुनकर थानाध्यक्ष ने आधार कार्ड की माँग की। बताया गया हैं कि थानाध्यक्ष की अनुपस्थिति में ओ. डी में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियो ने भी टाल-मटोल करते रहे।
आधार कार्ड की छाया प्रति प्रस्तुत करने पर शाम लगभग पाँच बजे प्राथमिकी दर्ज करने की स्वीकारोक्ति मिली।
घटना के सम्बंध में पीड़िता की माँ आशा देवी के द्वारा पुलिस को दिए गए आवेदन में बताया गया हैं कि पिछले दिनों से काजल के पति समेत परिवारिको द्वारा दो लाख रुपये नगद, बुलेट मोटरसाइकिल, एवं सोने के चेन के दवाब बढ़ाया जा रहा था। अचानक 23 जून की शाम में पड़ोस में रह रही पीड़िता की मौसी के द्वारा फोन से सूचना मिली की काजल के साथ कोई घटना घटी हैं।
इस अंदेशा से परिजनों के महात्मा गाँधी पथ,
समस्तिपुर के दलसिंहसराय पहुँचने पर पता चला कि मुंहमांगा दहेज न देने की स्थिति में बहु को जलाकर मार दिया गया हैं, एवं आनन-फानन में अज्ञात नदी के किनारे शव का निस्तारण कर दिया गया।पीड़िता ने अपने आवेदन में पति मोहन महतो, ससुर शिवजी महतो, सास नीरो देवी, पति के भाई मनोज महतो, सोनू कुमार महतो, बहन रागिनी कुमारी एवं सोनी देवी एवं गौतनी उर्मिला देवी पर काजल को जलाकर मार देने का आरोप लगाया गया हैं।
गौरतलब है कि मौके पर पहुँचे पत्रकारों एवं प्रेस छायाकारों को तस्वीर लेने से परिवारिको ने सामुहिक रूप से रोक दिया। दूसरी ओर पत्रकारों के द्वारा पुलिस से सम्पर्क करने पर इस घटना के सम्बंध में कुछ भी बताने से इनकार किया गया।
इस सम्बंध में छुट्टी में मुख्यालय से बाहर रहने के कारण एएसपी संतोष कुमार से पक्ष नही लिया जा सका।
दलसिंहसराय के प्रभारी डीएसपी सह पटोरी के डीएसपी से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि मैं तो केवल चार्ज में हूँ इस तरह की घटना में सारा तेल-बेल थानाध्यक्ष ही करते हैं।
घटना के संबंध में पुलिस की निष्क्रियता की चर्चा जोरों पर हैं लोगो का मानना हैं कि पुलिस की सक्रियता से लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराये जाने से मामला खुलासा होता।
परन्तु ऐसा न किया जाना पुलिस की मेल में होने की बात पुष्ट होतीं हैं।
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