रांची।
मध्यप्रदेश के बाद झारखंड देश का ऐसा दूसरा राज्य बन गया है, जिसने अपना वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर के बीच करने का एलान किया है. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज एलान किया कि राज्य का 2018 का बजट दिसंबर महीने में पेश होगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अफसरों को योजना राशि दिसंबर तक खर्च करने का निर्देश दिया है. यानी झारखंड का वित्त वर्ष अब एक जनवरी से शुरू होगा और 31 दिसंबर को समाप्त होगा. मौजूदा व्यवस्था में यह एक अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्म होता है.
हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एलान किया था कि उनका राज्य जनवरी से दिसंबर के बीच वित्त वर्ष का पालन करेगा. इस आशय के प्रस्ताव पर उनकी सरकार ने मुहर भी लगायी थी.
मध्यप्रदेश हो या झारखंड इन राज्यों ने यह कदम नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 23 अप्रैल को हुई बैठक में बाद उठाया है. उक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर करने को लेकर सुझाव आया है. प्रधानमंत्री ने इस संबंध में राज्यों से पहल करने की अपील की थी.
मौजूदा व्यवस्था में वित्त वर्ष दो सालों के बीच फैला होता है. विलंब से बजट आने के कारण योजना मद में पैसे के व्यय में दिक्कत होती है. पूरी प्रक्रिया पर अमल होते-होते मानसून आ जाता है और इस कारण बहुत सारे कार्य रुक जाते हैं. ध्यान रहे कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अस्तित्व में आने के कुछ ही महीनों बाद इस बात पर चर्चा छेड़ी थी कि वित्त वर्ष में बदलाव किया जाये. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने इस साल एक फरवरी को बजट पेश किया.
अब जब झारखंड व मध्यप्रदेश जैसे राज्य ने एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच वित्त वर्ष का अनुपालन करने का एलान किया है, तो इसका मतलब यह भी है कि इन राज्यों को एक जनवरी से पहले अपने राज्यों का बजट पेश कर देना होगा.
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