नई दिल्ली-फिल्म संवर्धन निधि अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देगी- राष्ट्रपति

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राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज विज्ञान भवन में आयोजित 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विभिन्न वर्गों में वर्ष 2016 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि 64वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत के एक सूक्ष्म दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है, जो भाषा, रीति रिवाज, धर्म एवं संस्कृति की विविधता का जश्न मनाता है। भारतीय सिनेमा और इसकी विविधिता, भाईचारे, सहिष्णुता, स्वीकृति एवं सह अस्तित्व की अंतर्निहित भावना को प्रदर्शित करती है।

राष्ट्रपति महोदय ने फिल्म संवर्धन निधि की सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल प्रतिभाशाली स्वतंत्र फिल्मकारों को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों को उनके कार्य को बढ़ावा देने में प्रोत्साहित करेगी।

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राष्ट्रपति महोदय ने इस वर्ष का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विख्यात फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता श्री कसीनाधुनी विश्वनाथ को भारतीय सिनेमा के विकास में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया। शास्त्रीय एवं परम्परागत कला, संगीत एवं नृत्य के प्रस्तोता श्री के. विश्वनाथ भारतीय फिल्म उद्योग में एक प्रेरक व्यक्तित्व रहे हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारतीय सिनेमा ने हमारे सांस्‍कृतिक वैविध्‍य, हमारे खूबसूरत प्राकृतिक दृश्‍यों, भाषाओं की अपार समृद्धि को उल्‍लेखनीय रूप से दर्शाया है और वह देश को एकता के सूत्र में पिरोने की एक महान कड़ी रहा है। उन्‍होंने कहा कि त्रासदी की कहानियों का वर्णन करते समय ऐहतियात और सावधानी बरती जानी चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि हमारे समाज पर सिनेमा के सशक्‍त प्रभाव और उसके मूल्‍यों के कारण फिल्‍म जगत को मिशन मोदी (विकसित भारत का निर्माण) में सहायता प्रदान के लिए एकजुट होना चाहिए।

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