देश में कोई भी हवाई अड्डा असुरक्षित नहीं

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नागर विमानन राज्‍य मंत्री श्री के.सी. वेणूगोपाल ने आज लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में जानकारी देते हुए बताया‍ कि देश में कोई भी हवाई अड्डा असुरक्षित नहीं है। एयरलाईन संचालकों के उपयोग के लिए वैमानिक सूचना प्रकाशन के माध्‍यम से हवाई अड्डों पर उपलब्‍ध सुविधाओं की जानकारी प्रकाशित की जाती है। इसमें प्रयोग में लाए जाने वाले मानकों के अनुरूप न होने वाली स्थिति‍ की भी जानकारी शामिल है।

उन्‍होंने बताया कि हवाई जहाज संचालकों द्वारा सुविधाओं की उपलब्‍धता और संचालन से संबन्धित उपायों में हवाई जहाजों के प्रकार के लिए उनकी उपयुक्‍तता के आकंलन के बाद ही हवाई संचालन किए जाते हैं।

भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के शोलापुर, कोटा, राजकोट, पटना, मालदा, झांसी, अकोला, जूहु, मैसूर और कमालपुर जैसे हवाई अड्डें भूमि उपलब्‍ध न होने और आगामी शहरीकरण एवं हवाई अड्डो के आस-पास शहरी बुनियादी ढांचे के होने के कारण व्‍यापक स्‍तर पर बड़े हवाई जहाजों के संचालन के लिए उन्‍नयन की प्रक्रिया में बाधा हैं।

केन्‍द्रीय नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री श्री के.सी. वेणुगोपाल ने आज लोकसभा में बताया कि हवाई क्षेत्रों की आधारिक संरचना के आधुनिकीकरण परियोजना (एमएएफआई) के तहत कारगिल के अलावा भारतीय वायुसेना के संयुक्‍त इस्‍तेमाल वाले हवाई अड्डे चरणबद्ध तरीके से इंस्‍ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्‍टम (आईएलएस) से सुसज्जित किए जा रहे हैं।

वर्तमान में भारतीय वायुसेना के 23 हवाई अड्डे संयुक्‍त रूप से इस्‍तेमाल से किए जा रहे हैं और इन सभी हवाईअड्डों पर सुरक्षित उड़ान के लिए पर्याप्‍त आधारभूत संरचनाएं उपलब्‍ध हैं।

इनमें से सात हवाई अड्डों पर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) या भारतीय विमानपत्‍तनम प्राधिकरण (एएआई) द्वारा आईएलएस स्‍थापित किया जा चुका है। निकोबार द्वीप समूह पर स्थित कार-निकोबार हवाई अड्डे के अलावा संयुक्‍त इस्‍तेमाल वाले हवाई अड्डों पर सिविल एन्‍क्‍लेव भी बन चुका है।

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