संवाददाता जामताड़ा,३० जनवरी
गांधी के देश में गांधी का अपमान आज राजनलेता और प्रशासन मौन होकर देख रहें है। किसी को इस बात की फिक्र नही है कि देश को आजादी दिलाने वाले के साथ कब तक अन्याय होता रहेगा। जिसने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई, जिसके आदर्श और सिद्धांत को आज पूरा विश्व मानने को बाध्य है उन्हीं की प्रतिमा स्थल वर्षो से प्रतिमा का इंतजार कर रही है। राष्ट्रपिता का सम्मान के प्रति न तो प्रशासन गंभीर है और न राजनेता।
जामताड़ा अनुमंडल कोर्ट से सटा गांधी प्रतिमा स्थल आज कूड़ेदान और अघोषित शौचालय बन गया है। झारखंड गठन के बाद जब जिला का निर्माण हुआ तब से हीं महापुरुषों की प्रतिमा विकसित करने की कवायद प्रारंभ हुई। वर्ष 2002-03 में जामताड़ा अधिसूचित क्षेत्र समिति को प्रतिमा निर्माण की जिम्मेवारी दी गई। आवंटन भी प्राप्त हुआ। प्रतिमा स्थापित करने की जगह भी चिन्हित कर ली गई लेकिन आज तक प्रतिमा का निमार्ण नही किया गया।
महात्मा गांधी की 67वीं पुण्य तिथि के अवसर पर किसी ने भी प्रतिमा स्थल की सफाई और श्रद्धांजलि की औपचारिकता पूरी करनी मुनासिब नही समझा। आलम यह है कि रास्ते से गुजरने वाले राहगीर यहां खड़े होकर पेशाब करते है। वहीं उत्पाद विभाग का यह अघोषित मालखाना बन गया है। क्षेत्र में जब्त की गई महुआ शराब की हांड़ी इसी जगह पर विभाग की ओर से जमा कर रखा जाता है। जिसके सड़ांध से आने जाने वाले राहगीरों को परेशानी तो होती हीं है साथ हीं एसडीओ भी कोर्ट करते समय इससे नही बच पाते है।
Comments are closed.