जमशेदपुर-विभागीय आदेशों को अनसुनी करने से बढ़ी निज़ी स्कूलों की मनमानी : अंकित

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सीएम के प्रधान सचिव एवं शिक्षा सचिव के आदेशों के दो वर्ष बाद भी स्कूलों ने नहीं जमा किये ऑडिट रिपोर्ट

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● प्राइवेट स्कूलों में री-एडमिशन,कैपिटेशन शुल्क नहीं लेने का आदेश वर्ष2015में हीं सीएम रघुवर दास के निर्देश पर हुई थी जारी

जमशेदपुर ।
शहरी समेत पूर्वी सिंहभूम जिलांतर्गत सभी निज़ी स्कूलों द्वारा हो रही बेतहाशा फ़ीस वृद्धि और मनमानी रोकने के विरुद्ध लगातार अभिभावकों के हित मे आवाज़ बुलंद किये भाजपा के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने सोमवार को जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बांके बिहारी सिंह से मुलाकात की। इस भेंट के क्रम में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर जिला शिक्षा विभाग के शिथिल रवैये पर चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा नेता अंकित आनंद ने कहा कि मानव संसाधन विकास विभाग एवं अन्य वरीय अधिकारियों तक के निर्देशों और विभागीय आदेशों का अनुपालन कराने में शिक्षा विभाग शिथिल भूमिका अपना रही है जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी लगातार बढ़ रही है। कहा कि यदि रघुवर सरकार के दो वर्ष पूर्व के ही विभागीय आदेश पर अमल हुआ होता, तो आज अभिभावकों के हित में अहम निर्णय आ चुके होते। जिला शिक्षा अधीक्षक सह आरटीई के नोडल पदाधिकारी श्री बाँके बिहारी सिंह को लिखित पत्र सौंपते हुए भाजपा जिला प्रवक्ता ने राज्य के मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव अराधना पटनायक द्वारा बीते 28 अप्रैल,2015 में पारित ज्ञापांक संख्या 943 में निदेशित बिंदुओं का संज्ञान कराया। इस आदेश  के आलोक में कहा गया कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो वर्ष पूर्व ही माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव अराधना पटनायक,राज्य के प्राथमिक शिक्षा विभाग के उप-निदेशक अक्षय मल्लिक समेत अन्य वरीय अधिकारियों के संग सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के एसोसिएशन एवं प्राचार्यों की बैठक मुख्यमंत्री कार्यालय सभागार में सीएम के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी। इस बैठक का आयोजन सूबे में अभिभावकों द्वारा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शुल्क वृद्धि के संबंध में हुई थी। इस बैठक में सभी स्कूलों के प्राचार्य एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन  के पक्षों को सुनने के बाद माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार एवं मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव अराधना पटनायक ने बैठक की कार्यवाई को समाप्त करते हुए प्राइवेट स्कूलों के लिए 6 बिंदुओं के दिशा-निर्देश पारित किए थें और इसके क्रियांवयन हेतु सभी जिला उपायुक्तों और जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक पत्राचार किये गए थें। इन निर्देशों में स्पष्ट उल्लेखित किया गया था कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा कैपिटेशन शुल्क तथा एक कक्षा के दूसरी कक्षा में प्रोन्नति होने पर ‘री-एडमिशन’ शुल्क नहीं लिया जाए। इसके साथ हीं राज्यभर के प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम,2009 में अंतर्निहित 25 प्रतिशत कमज़ोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर नामांकन सुनिश्चित करने को भी निर्देशित किया गया था। वहीं सभी स्कूलों में लिए जा रहे वार्षिक शुल्क एवं विकास शुल्क के संबंध में बीते तीन वर्षों के ऑडिट रिपोर्ट एवं इन शुल्कों की जानकारी सम्बंधित जिले के शिक्षा अधीक्षक -सह- आरटीई के नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा गया था । जिससे उनकी समीक्षा करते हुए वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप यथोचित निर्णय लिया जा सके। इसके साथ हीं इस निर्देश में सभी स्कूलों  को अपने नज़दीक के सरकारी विद्यालयों में से किसी एक विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने में सहयोग प्रदान करने के लिए गोद लेते हुए विशेष रूप से विज्ञान,गणित तथा स्पोकेन इंग्लिश में शैक्षणिक सहायता प्रदान करने हेतु निदेशित किया गया था। भाजपा प्रवक्ता ने कहा की स्थानीय शिक्षा विभाग की शिथिलता एवं इस आदेश के सख्ती से क्रियांवयन न करने का लाभ प्राइवेट स्कूलों को मिलता रहा और वे हर साल मोटी रकम अभिभावकों से वसूलते हैं। सोमवार को भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने माँग पत्र सौंपते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक से आग्रह किया कि उक्त आदेश में निहित सभी बिंदुओं का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। इस दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक ने उचित कार्यवाई का आश्वाशन दिया। उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारियों को इस आदेश के आलोक में प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए उल्लेखित 6 बिंदुओं पर अपना पक्ष रखने को कहा है। वहीं देर शाम मीडिया में जारी बयान में भाजपा जिला प्रवक्ता ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को रघुवर सरकार संकल्पशील है। सरकार की नीतियां सर्वसाधारण को राहत और हितों में है। किंतु विभागीय अधिकारियों की शिथिलता से कई आदेश फाइलों तक सिमटे रह जाते हैं। कहा कि इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक से सहयोग एवं कार्यवाई का अनुरोध किया है। जल्द ही इस मामले को सूबे के मुख्यमंत्री एवं माननीय शिक्षा मंत्री के संज्ञान में भी दी जाएगी। वहीं आज शिक्षा अधीक्षक से मिलने वालों में भाजपा प्रवक्ता अंकित आनंद के साथ भाजयुमो के जिला प्रवक्ता कुमार सौरव मौजूद थें।

 

 

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