जमशेदपुर-लोकतंत्र के लिए दल बदल घातक हैः दिनेश उरांव

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पाला बदलने वाले विधायको फैसला जल्द

पहली बार विधानसभा का बजट सत्र शांतिपूर्ण  संपन्न हुआ

संवाददाता

जमशेदपुरः झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि संवैधानिक मर्यादा के तहत दल बदल लोकतंत्र के लिए घातक है. वे यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आये हुए थे. इस क्रम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए परिसदन में कहा कि झारखंड विकास मोरचा से जो छह विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं, विधानसभा की नियमावली 1908 के तहत उन सभी की जांच चल रही है. झारखंड विकास मोरचा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी द्वारा एक आवेदन दिया गया था, जिसमें भाजपा में शामिल सभी छह झाविमो के विधायकों की दल बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की गयी थी, पर आवेदन के साथ शपथ पत्र नहीं दिया गया था. लेकिन 25 मार्च 2015 को पुनः आवेदन के साथ शपथ पत्र संलग्न कर दिया गया है, जिस पर दस दिनों के भीतर विधायकों से जवाब मांगा गया है. यदि जबाव संतोषप्रद रहा, तो ठीक है, अन्यथा कार्रवाई संभव है.

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श्री उरांव ने बताया कि झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष द्वारा दी गयी चिट्ठी व इन विधायकों का आवेदन प्राप्त हआ था. साथ सभी विधायकों ने सशरीर उपस्थित हो कर भाजपा की सदस्यता ली थी, तो हम संतुष्ट हो कर ही उन्हें हमने हाउस में भाजपा के साथ ही जगह दी थी.

परिसीमन के सवाल पर श्री उरांव ने कहा कि बिहार राज्य पुनर्गठन के तहत अनुच्छेद 80 में राज्य में व्यवस्था बनाने के लिए सीट बढ़ाने का जिक्र है. पर राज्य गठन के एक साल बाद इस पर कोई काम नहीं किया गया, तो 2026 तक कोई विशेष परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई, तो सीट बढ़ाना संभव नही हो सकेगा. 2003-04 में चुनाव आयोग की परिसीमन पर पुनरीक्षण के तेहत उत्तर पूर्व के राज्यों के साथ झारखंड को भी शामिल किया गया है. जैसा कि विदित है कि ये राज्य आदिवासी डोमिनेटेड राज्य हैं, जहां बहुत कुछ परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व मृगेंद्र प्रताप सिंह के आवास पर गये

झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव अपने जमशेदपुर दौरे के क्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व मृगेंद्र प्रताप सिंह के साकची जेल रोड आवास पर गये और उनके पुत्र अभय सिंह उज्जैन से मिले. इस दौरान कुछ समय वहां बिताया.

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